Opinion : छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र के साथ मिलकर नक्सल मुक्त भारत अभियान में पूरे दम-खम के साथ लगी हुई है। केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का संकल्प लिया है। इस संकल्प के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद को रोकने के लिए सुरक्षा और विकास की नीति को
मूल मंत्र बनाया है, इसके सार्थक परिणाम दिख रहे हैं। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ-साथ उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं भी दी जा रही है। छत्तीसगढ़ में लाल आतंक को मुंहतोड़ जवाब देने की नीति भी अपनाई गई है। हाल ही में नक्सल प्रभावित बस्तर के दो दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मुताबिक नक्सलियों के सफाए के अभियान में छत्तीसगढ़ ने सभी राज्यों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। केंद्रीय सुरक्षाबलों के सहयोग से राज्य ने पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए और 219 नक्सलियों को मार गिराया, 1000 को गिरफ्तार किया तथा 837 को आत्मसमर्पण करवाया। सीएम विष्णुदेव साय सरकार के मुताबिक सुरक्षा और विकास के दोहरे मोर्चे पर काम करते हुए उसने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। आज अनुपात के हिसाब से बस्तर देश में सबसे सैन्य संवेदनशील क्षेत्र बन चुका है। बस्तर डिवीजन में नौ नागरिकों के पीछे एक पैरामिलिट्री का जवान है। बस्तर क्षेत्र में प्रस्तावित 64 सुरक्षा कैंपों में से 40 कैंप की स्थापना की जा चुकी है। बस्तर में नियद नेल्लानार (आपका अच्छा गांव) अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत यहां स्थापित किए जा रहे कैंपों के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों एवं ग्रामीणों को 17 विभागों की 59 हितग्राहीमूलक योजनाओं और 28 सामुदायिक सुविधाओं के तहत आवास, अस्पताल, पानी, बिजली, पुल-पुलिया, स्कूल इत्यादि मूलभूत संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वहीं, लाल आतंक प्रभावित जिलों के विद्यार्थियों को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए ब्याज रहित ऋण मिलेगा। उधर, हिंसा का रास्ता छोड़कर जो नक्सली आए हैं, उनके पुनर्वास के लिए ठोस नीति बनाई गई है। आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाने के लिए बस्तर के ऐतिहासिक मेलों को भी शासकीय संरक्षण और आर्थिक सहायता दी जा रही है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इन भगीरथ प्रयासों से तय कालखंड में बस्तर में लाल आतंक का अंधेरा छंट जाएगा।
Hindi News / Raipur / Opinion : बस्तर अब लाल राह नहीं, विकास के मार्ग पर बढ़ रहा