इस पंचमी को बसंत पंचमी भी कहते हैं, क्योंकि इस दिन बसंत ऋतु का आगमन भी होता है। यह दिन शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है, इस दिन आप बिना पंचांग देखे शादी विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण कर सकते हैं। बसंत पंचमी के दिन जिन लोगों का विवाह मुहूर्त नहीं निकल पाता है, वे इस दिन विवाह के बंधन में बंध सकते हैं।
बसंत पंचमी का दिन काफी खास
ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश दास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार ग्रहों की युति से पंच दिव्य योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन रेवती, अश्विनी नक्षत्र के साथ शुभ योग बना रहा है। वहीं ग्रहों की स्थिति की बात करें, तो शनि की राशि यानी मकर राशि में मंगल, शुक्र और बुध की युति हो रही है, जिससे त्रिग्रही योग का निर्माण हो रहा है।
इसके साथ ही मेष राशि में चंद्रमा और गुरु की युति से गजकेसरी योग बन रहा है और मकर राशि में मंगल और शुक्र की युति से धनशक्ति राजयोग, शुक्र और बुध की युति से लक्ष्मी नारायण राजयोग और मंगल के उच्च राशि यानी मकर राशि में जाने से रूचक योग का निर्माण हो रहा है। इस मौके पर विविध संस्कार और धार्मिक आयोजन होंगे।
विद्यार्थी करेंगे मां सरस्वती की वंदना
13 और 14 शुभ मुहूर्त ज्योतिषाचार्य के अनुसार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 13 फरवरी की दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से हो रही है। बसंत पंचमी 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। बसंत पंचमी की पूजा इसी वजह से 14 फरवरी को होगी, लेकिन जो लोग 13 तारीख की रात में शादी करेंगे, वह शादी भी बसंत पंचमी में ही माना जाएगा।
बसंत पंचमी पर देश भर में मां सरस्वती का पूजन किया जाने की परंपरा है। सभी शिक्षार्थी, विद्यार्थी व शोधार्थी इस दिन सुबह सवेरे ही ज्ञान व विद्या की देवी मां सरस्वती की वंदना करते हैं। बसंत पंचमी के दिन कामदेव को भी याद किया जाता हैै। यह दिन शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन बिना पंचांग देखे शादी विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण संस्कार इत्यादि कर सकते हैं। इस दिन विवाह करने पर देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। पाश्चात्य संस्कृति में वेलेंटाइन डे मनाया जाता है।