कर्नाटक से झारखंड जा रहे अनिल बोले- छत्तीसगढ़ में मिला घर जैसा माहौल रायपुर और बिलासपुर जिले में काम करने वाले मजदूरों की संख्या सक्रिय जॉब-कॉर्डधारियों की संख्या को भी पार कर गई है। इन दोनों जिलों में सक्रिय जॉब-कॉर्ड की संख्या के विरुद्ध क्रमश: 107 प्रतिशत और 106 प्रतिशत श्रमिक काम कर रहे हैं। आमतौर पर मनरेगा के अंतर्गत काम की मांग नहीं करने वाले श्रमिक परिवारों को भी अभी उनकी जरूरत पर रोजगार उपलब्ध कराया गया है। रायपुर जिले में एक लाख 19 हजार 154 और बिलासपुर में एक लाख 30 हजार 336 सक्रिय जॉब-कॉर्ड हैं। वहीं इन जिलों में जॉब-कॉर्डधारी श्रमिकों की संख्या क्रमश: एक लाख 48 हजार 323 और एक लाख 77 हजार 986 है। विभिन्न मनरेगा कार्यों में जहां अभी रायपुर में एक लाख 27 हजार 306 मजदूर काम कर रहे हैं, वहीं बिलासपुर में यह संख्या एक लाख 37 हजार 531 है।
छत्तीसगढ़ की धरती पर वापस लाने मुख्यमंत्री जी का बहुत-बहुत धन्यवाद.. सक्रिय जॉब-कॉर्ड की संख्या के विरूद्ध बालोद जिले में अभी 94 प्रतिशत, महासमुंद में 92 प्रतिशत, मुंगेली में 91 प्रतिशत, बलौदाबाजार-भाटापारा और राजनांदगांव जिले में 83-83 प्रतिशत, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 82 प्रतिशत और कबीरधाम में 80 प्रतिशत श्रमिक कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में बालोद में एक लाख 28 हजार 847, महासमुंद में एक लाख 55 हजार 406, मुंगेली में एक लाख एक हजार 463, बलौदाबाजार-भाटापारा में एक लाख 59 हजार 855, राजनांदगांव में दो लाख 12 हजार 458, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 44 हजार 655 और कबीरधाम जिले में एक लाख 30 हजार 477 मजदूरों को रोजगार मिला हुआ है।
कोविड-19 के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन में ग्रामीण श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने और अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए मनरेगा के तहत प्रदेश भर में व्यापक स्तर पर काम शुरू किए गए हैं। इसके अंतर्गत जल संरक्षण कार्यों के साथ ही सामुदायिक और व्यक्तिमूलक आजीविका संवर्धन के कार्य प्रमुखता से संचालित हैं। विभिन्न मनरेगा कार्यों में अभी जशपुर जिले में 88 हजार 930, दुर्ग में 65 हजार 434, धमतरी में एक लाख एक हजार 110, जांजगीर-चांपा में एक लाख 30 हजार 407, बेमेतरा में 78 हजार 271, सरगुजा में 70 हजार 923, बलरामपुर-रामानुजगंज में 63 हजार 962, बीजापुर में 19 हजार 950, दंतेवाड़ा में 19 हजार 048, सूरजपुर में 73 हजार 199, गरियाबंद में 71 हजार 540, कोरिया में 56 हजार 182, नारायणपुर में दस हजार 549, सुकमा में 25 हजार 950, रायगढ़ में 82 हजार 188, कांकेर में 52 हजार 955, कोरबा में 48 हजार 611, कोंडागांव में 29 हजार 122 और बस्तर में 28 हजार 271 श्रमिक काम काम कर रहे हैं।