Chhattisgarh News: रायपुर। लोगों को दवाएं सस्ती मिले इसलिए राज्य सरकार ने प्रदेश भर में धन्वंतरि मेडिकल स्टोर खोले हें। दावे के मुताबिक लोगों को यहां 60 से 70 प्रतिशत की छूट पर दवाइयां मिल रहीं हैं। लेकिन, सच में ऐसा है? पत्रिका ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि छूट के नाम पर लोग लूटे जा रहे हैं। इसकी वजह है एमआरपी।
100 गुना अधिक एमआरपी प्रिंट दरअसल, ज्यादातर जेनरिक दवाइयों पर वास्तविक मूल्य से 80 से 100 गुना अधिक एमआरपी प्रिंट होता है। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि किसी दवाई का वास्तविक मूल्य 5 रुपए है। लेकिन, दवा के रैपर पर उसकी कीमत 400 रुपए लिखी होगी। फिर लोगों को 60 प्रतिशत छूट की बात कहते हुए 160 रुपए में दवाई दे दी जाती है। जबकि, उस दवा का वास्तविक मूल्य 5 रुपए ही है। पत्रिका की पड़ताल में पता चला कि मेडिकल स्टोर के संचालक जानबूझकर अधिक एमआरपी वाली दवाइयां रख रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकें। छूट वाली लूट के इस कारोबार में मेडिकल स्टोर संचालक जमकर चांदी काट रहे हैं।
धन्वंतरि और पीएम जन औषधि में दवाओं की कीमतों में कितना अंतर, जानिए…
दवा का नाम
एमआरपी
धन्वंतरि में दाम
जनऔषधि में दाम
एमोक्सीलिन
72 रुपए
31 रुपए
26 रुपए
ग्लाइमीप्राइड
62 रुपए
30 रुपए
6 रुपए
एम्लोडोपीन
50 रुपए
23 रुपए
3 रुपए
एक्लोफेनिक पैरासिटामॉल
64 रुपए
29 रुपए
5.20 रुपए
बाजार में अब ब्रांडेड जेनरिक दवाएं भी
Shri Dhanwantari Generic Medical Yojana: बाजार में पहले मुख्य रूप से 2 तरह की दवाइयां आती थीं। पहली इथिकल और दूसरी जेनरिक। जेनरिक दवाओं पर सरकारों का जोर बढ़ने के बाद बाजार में अब ब्रांडेड जेनरिक दवाइयां भी आने लगी हैं। फिलहाल पीएम जन औषधि केंद्रों में ही प्योर जेनरिक दवाएं उपलब्ध हैं।
बता दें कि इथिकल उन दवाओं को कहा जाता है जिसे फार्मा कंपनियां रिसर्च के बाद तैयार करती हैं। इस पर काफी खर्च किया जाता है इसलिए एक निश्चित समय के लिए इसे पेटेंट किया जाता है। इस दौरान कंपनियां रिसर्च का लागत निकालने के साथ मुनाफा भी कमा लेती हैं। पेटेंट खत्म होने के बाद इन दवाइयों का फॉर्मूला सभी कंपनियों के साथ साझा किया जाता है।
पीएम जन औषधि केंद्र में यही दवाइयां सस्ती एमआरपी पर अंकुश नहीं होने की वजह से प्रदेश सरकार के धन्वंतरि मेडिकल स्टोर की दवाइयां केंद्र सरकार के पीएम जन औषधि केंद्र के मुकाबले महंगी पड़ रहीं हैं। बता दें कि रायपुर में सरकार ने जितनी संख्या में धन्वंतरि मेडिकल खोले हैं, तकरीबन उतनी ही संख्या में पीएम जन औषधि केंद्र भी संचालित हैं। बड़ी बात ये है कि धन्वंतरि मेडिकल स्टोर में मनाही के बाद भी अधिक एमआरपी वाली दवाइयां रखी जा रहीं हैं।
प्राइज कंट्रोलिंग केंद्र सरकार का विषय है। इस बारे में हम केंद्र को पत्र लिखेंगे। जहां तक दवाइयों का अनाप-शनाप कीमत पर बिक्री का मामला है तो हम अपने स्तर पर इसकी जांच करवाएंगे। – टीएस सिंहदेव, डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री