scriptछत्तीसगढ़ में पहली बार 15 विधायक बने संसदीय सचिव | 15 MLAs became parliamentary secretaries for the first time in CG | Patrika News
रायपुर

छत्तीसगढ़ में पहली बार 15 विधायक बने संसदीय सचिव

लंबी प्रतीक्षा के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संसदीय सचिवों की नियुक्ति कर दिया है। कांग्रेस के 15 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया है। इनमें आधे से अधिक युवा चेहरे हैं। इनमें से तीन महिलाएं है। ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार ने 15 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया है।

रायपुरJul 14, 2020 / 01:44 am

Dhal Singh

छत्तीसगढ़ में पहली बार 15 विधायक बने संसदीय सचिव

छत्तीसगढ़ में पहली बार 15 विधायक बने संसदीय सचिव,छत्तीसगढ़ में पहली बार 15 विधायक बने संसदीय सचिव,छत्तीसगढ़ में पहली बार 15 विधायक बने संसदीय सचिव

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के सेवानिवृत्त प्रमुख सचिव और संसदीय विषयों के जानकार देवेंद्र वर्मा बताते हैं, संसदीय सचिव का प्रावधान संविधान में नहीं है। इंग्लैंड की तीन स्तरीय व्यवस्था से यह पद परंपरा में आया है। जिसमें कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और उपमंत्री जैसी व्यवस्था है। अपने यहां संसदीय सचिव की नियुक्ति मंत्रियों को उनके काम में मदद देने के लिए होती है। मंत्रियों की संख्या यहां 1& है। उनकी जानकारी में अभी तक कोई ऐसा मामला नहीं आया है, जिसमें मंत्रियों को एक से अधिक संसदीय सचिव दिए गए हों। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में 11 संसदीय सचिव बनाए गए थे। फिलहाल सरकार संसदीय सचिवों के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी कर रही है। शपथग्रहण समारोह मंगलवार शाम 4 बजे से मुख्यमंत्री निवास में होना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन 15 विधायकों को पद की शपथ दिलाएंगे। संसदीय सचिवों को विभागों का बंटवारा भी मंगलवार को ही किया जाएगा।
इनको बनाया गया संसदीय सचिव
रायपुर पश्चिम विधायक- विकास उपाध्याय
तखतपुर – रश्मि सिंह ठाकुर
जगदलपुर- रेख चंद जैन

कांकेर- शिशुपाल सोरी
गुंडरदेही- कुंवर निषाद

बैकुंठपुर- अम्बिका सिंहदेव
सामरी- चिंतामणि महाराज

भटगांव- पारस नाथ राजवाड़े
कुनकुरी – यूडी मिंज

खल्लारी – द्वारिकाधीश यादव
महासमुंद – विनोद सेवनलाल चंद्राकर
बिलाईगढ़ – चंद्रदेव प्रसाद राय
कसडोल – शकुन्तला साहू

नवागढ़ – गुरुदयाल बंजारे
मोहला मानपुर – इंदरशाह मंडावी

क्षेत्रीय संतुलन की कोशिश, फिर भी दुर्ग भारी
संसदीय सचिव बनाकर मुख्यमंत्री ने युवाओं को मौका देने के साथ मंत्रिमंडल में आए क्षेत्रीय असंतुलन को साधने की कोशिश की है। 14 विधायकों वाले सरगुजा से तीन मंत्री हैं। यहां से चार विधायकों को संसदीय सचिव बनाया है। रायपुर संभाग की 20 में से 14 सीट कांग्रेस के पास है। केवल एक मंत्री हैं। अब पांच संसदीय सचिव बन गए। बस्तर की सभी 12 सीट कांग्रेस जीती। यहां से एक मंत्री और एक विधानसभा उपाध्यक्ष हैं। अब दो संसदीय सचिव बने हैं। बिलासपुर संभाग की 23 सीटों में से 12 पर कांग्रेस है। विधानसभा अध्यक्ष और दो मंत्री यहां से हैं। केवल एक संसदीय सचिव मिला है। वहीं 20 में से 17 सीट वाले दुर्ग में मुख्यमंत्री सहित 6 मंत्री हैं। अब तीन संसदीय सचिव भी बना दिए गए हैं।
क्या करते हैं संसदीय सचिव
यह पद संविधानिक नहीं राजनीतिक है। मुख्यत: मंत्रियों को उनके विभागीय कामकाज में मदद करते हैं। इनकी संविधानिक शपथ नहीं होती, इसलिए मंत्री की तरह सरकारी दस्तावेजों तक उनकी पहुंच नहीं होती। वे किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करते।
विरोध करती रही है कांग्रेस
विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस संसदीय सचिव बनाने का विरोध करती रही है। इसे लेकर मोहम्मद अकबर अदालत तक गए थे। उनकी याचिका खारिज करते हुए न्यायालय ने संसदीय सचिवों की नियुक्ति को वैध ठहराया था। यह जरूर कहा था, संसदीय सचिव पद जो कि मंत्री के समतुल्य है, उसे राज्यपाल ने शपथ नहीं दिलाई और न ही उनका निर्देशन है। इसलिए इन्हें मंत्रियों के कोई अधिकार प्राप्त नहीं हो सकते हैं।

Hindi News / Raipur / छत्तीसगढ़ में पहली बार 15 विधायक बने संसदीय सचिव

ट्रेंडिंग वीडियो