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ऐसे में मरीजों की उपचार व देख-रेख में दिक्कतें होने लगी थी। जिससे एमसीएच के बाजू में करीब 30 बेड का एक नया मातृ-शिशु केयर सेंटर बनाने की मांग चल रही थी। जिसके लिए करीब एक साल पहले ही शासन से भवन बनाने के लिए राशि जारी की थी, जिसे सीजीएमएससी द्वारा निर्माण कराया जा रहा था। ऐसे में भवन तैयार होने के बाद सीजीएमएससी द्वारा अक्टूबर माह में ही सीएचएमओ को हैंडओवर कर दिया गया, लेकिन इसके बाद भी अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। वहीं बताया जा रहा है कि इस सेंटर को शुरू करने के लिए बेड व स्टाफ के साथ अन्य सुविधाओं की जरूरत पडे़गी,जिसके लिए विभाग के पास अभी तक कोई कार्ययोजना ही नहीं है, जिसके चलते भवन बनने के बाद भी खाली पड़ा है।
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यह कहते हैं अधिकारी इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों कि मानें तो एमसीएच में हर दिन दर्जनभर से अधिक गर्भवती महिलाएं पहुंचती है, जिससे यहां डिलिवरी होने के बाद नए मरीज आने से दिक्कत होता है। ऐसे में अब यहां डिलिवरी होने के बाद स्थिति में सुधार होते ही प्रसुता व शिशुओं को मातृ-शिशु केयर में शिफ्ट किया जाएगा, ताकि एमसीएच में बेड खाली होने पर नए मरीजों को भर्ती कर उपचार हो सकेगा।
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मातृ-शिशु देख-भाल केंद्र में बेड व्यवस्था हो गई, लेकिन अभी गद्दा की व्यवस्था नहीं हो पाया है। ऐसे में अब आचरण संहिता के बाद उच्चधिकारियों से स्टाप व अन्य सुविधाओं के संबंध में चर्चा की जाएगी। ताकि जल्दी अस्पताल शुरू हो सके।- डॉ. आर.एन मंडावी, सीविल सर्जन