संख्या बल की बदौलत रायगढ़ रेलवे स्टेशन पर 23 मार्च को दिनदहाड़े उत्पात मचाते हुए मारपीट करने वाले लोको पायलटों की मुश्किलें बढ़ सकती है। उत्कल एक्सप्रेस के ऑन ड्यूटी टीटीई पीके झा के साथ मारपीट के मामले में दर्ज अपराध की जांच, जीआरपी ने तेज कर दी है।
CG Political News : विधानसभा चुनाव में ईवीएम मशीन के चरित्र सत्यापन के लिए लगेगा वीवीपीएटी, जानें क्या है ये… रायगढ़ के चीफ क्रू कंट्रोलर के बाद संदिग्धों की सूची मेंं शामिल लोको पायलटों को एक-एक कर बयान लेने के लिए बुलाया जा रहा है। जीआरपी ने इस मामले में अभी तक ६ लोगों का बकयान दर्ज कर लिया है। जबकि एक दर्जन से अधिक लोगों का बयान और दर्ज होने की बात कही जा रही है। जिससे शक के घेरे में आ रहे लोको पायलटों की बेचैनी बढ़ गई है।
इधर जीआरपी का कहना है कि मारपीट के इस मामले में करीब ढाई माह का समय पार हो चुका है। अपराधों की समीक्षा के दौरान आला अधिकारी भी पेंडिंग मामलों पर नजर रखते हैं। ऐसे में, बयान दर्ज करने की औपचारिकता के बाद आरोपियों के खिलाफ नामजद अपराध दर्ज किया जाएगा। सूत्रों की माने तो नामजद अपराध दर्ज होने के बाद जीआरपी इस मामले मेंं गिरफ्तारी भी कर सकती है।
सूत्रों की माने तो जीआरपी ने इस मामले मेंं २-३ स्तर पर संदिग्ध लोको पायलटों की खोज की है। जिसमें वीडियो क्लीप, सीसी कैमरा व अन्य माध्यमों के आधार पर करीब दो दर्जन लोको पायलट व सहायक लोको पायलटों का नाम सामने आया है। हलांकि जीआरपी द्वारा जांच प्रभावित होने की बात कह उक्त नामों का खुलासा करने से परहेज कर रही है। पर जीआरपी की जांच की इस तेजी ने कई संबंधित लोगों की बेचैनी को जरुर बढ़ा दिया है।