भगवान शिव को भी भेज चुके हैं नोटिस
इसी साल मार्च के महीने में नायब तहसीलदार विक्रांत राठौर ने मंदिर के पुजारी या प्रबंधन के बजाय सीधे मंदिर को ही नोटिस भेज दिया था। अधिकारी ने भगवान को आरोपी बनाकर कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया था, और नहीं पेश होने पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगाने की बात कही थी। जिसके काफी हंगामे के होने पर प्रशासन ने अपनी गलती मानकर सुधार किया था। दरअसल रायगढ़ में अवैध कब्जे और निर्माण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसी मामले में रायगढ़ तहसील कोर्ट ने सीमांकन दल गठित कर जांच कराई थी।
पूरे घटनाक्रम पर बीजेपी ने आरोप लगाया कि, शहर के कई हिस्सों में अमृत मिशन की पाइप लाइन में गड़बड़ी है। कई हिस्सों में पानी नहीं पहुंच रहा है। आए दिन निगम के कर्मचारियों का लोगों से विवाद हो रहा है। ऐसे में निगम अपनी कमियों को दूर करने के बजाय बिल बांटने में ही फोकस कर रहा है। दरअसल फरवरी और मार्च माह का वाटर बिल एक साथ वसूल किया जा रहा है। यह सब विवाद का विषय तब बन गया जब नोटिस भेजने की हड़बड़ी में उन्होंने टिकरापारा में भगवान हनुमान के नाम से नोटिस जारी कर दिया। ये नोटिस मंदिर प्रशासन के किसी व्यक्ति के नाम से जारी किया जाना था, लेकिन निगम के अफसरों और कर्मचारियों ने भगवान हनुमान को ही अपना हितग्राही बनाकर नोटिस दे दिया। इतना ही नहीं बजरंग बली के नाम के सामने श्रीमती लिखा हुआ है, जिससे अब भक्तों में काफी आक्रोश है। भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने इस मामले में प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस हिंदू देवी-देवताओं की अपमान कर रही है। वे अपनी इस मानसिकता से बाज आएं, नहीं तो हिंदुओं का विरोध झेलने के लिए तैयार रहें।