scriptइस खतरनाक बैक्टीरिया के खात्मे के लिए कलेक्टर ने किया टास्क फाॅर्स का गठन, बच्चों को सबसे ज्यादा करता है अटैक, जानें लक्षण | collector order task force to end crimi in chhattisgarh | Patrika News
रायगढ़

इस खतरनाक बैक्टीरिया के खात्मे के लिए कलेक्टर ने किया टास्क फाॅर्स का गठन, बच्चों को सबसे ज्यादा करता है अटैक, जानें लक्षण

Health News : फरिहा आलम सिद्दीकी ने जिले को कृमि मुक्त बनाने के उद्देश्य से कलेक्टोरेट सभाकक्ष में स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास और स्कूल शिक्षा विभाग की संयुक्त रूप से अंतर्विभागीय टास्क फोर्स की बैठक ली।

रायगढ़Jul 23, 2023 / 08:49 pm

Aakash Dwivedi

इस खतरनाक बैक्टीरिया के खात्मे के लिए कलेक्टर ने किया टास्क फाॅर्स का गठन,  बच्चों को सबसे ज्यादा करता है अटैक, जानें लक्षण

इस खतरनाक बैक्टीरिया के खात्मे के लिए कलेक्टर ने किया टास्क फाॅर्स का गठन, बच्चों को सबसे ज्यादा करता है अटैक, जानें लक्षण

सारंगढ़. फरिहा आलम सिद्दीकी ने जिले को कृमि मुक्त बनाने के उद्देश्य से कलेक्टोरेट सभाकक्ष में स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास और स्कूल शिक्षा विभाग की संयुक्त रूप से अंतर्विभागीय टास्क फोर्स की बैठक ली।
कलेक्टर ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मितानिन, स्वास्थ्य कर्मियों, बिहान के समूहों, पंचायत कर्मियों और अन्य सहयोगी संस्थाओं के माध्यम से जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों, आईटीआई, पॉलीटेक्निक, आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों में 1 वर्ष से लेकर 19 वर्षीय तक बालक-बालिकाओं को शत् प्रतिशत कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजॉल खिलाने के लिए स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास तथा स्कूल और उच्च शिक्षा विभाग को कहा। साथ ही साथ कलेक्टर ने कहा कि दवा सेवन के दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरे जिले में अपनी स्वास्थ्य सुविधा की सुदृढ़ व्यवस्था रखें।

कलेक्टर सिद्दीकी ने 10 अगस्त को होने वाली राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की तैयारी हेतु बैठक में उपस्थित जिला शिक्षा अधिकारी एवं महिला एवं बाल विकास अधिकारी को शासकीय एवं निजी शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत एवं गैर पंजीकृत (शाला त्यागी)1 वर्ष से 19 वर्ष तक के सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आईटीआई व कॉलेज प्रथम वर्ष के बच्चों की सूची लेकर कार्य योजना तैयार कर समयावधि पर स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में लॉजिस्टिक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने प्रत्येक विकासखंड में रैपिड रेस्पॉन्स टीम गठन कर सेक्टर स्तर पर क्वालिटी ट्रेनिंग आयोजित करने के निर्देश दिये साथ ही स्वास्थ्य एवं आईसीडीएस पर्यवेक्षकों द्वारा प्रत्येक बूथ की निरीक्षण करने के निर्देश दिए ताकि अभियान के दौरान शतप्रतिशत बच्चो को कृमि नाशक गोली खिलाकर

दवा खिलाने के पूर्व सावधानियां –


दवा खिलाने के पूर्व दवा की एक्सपायरी डेट की जांच की जाए और बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। यदि पूर्व से किसी बीमारी के इलाज के लिए कोई दवा खा रहे हो, तो उन्हें कृमिनाशक दवा नहीं खिलाई जाए। किसी भी बच्चे को जबरदस्ती दवा नहीं खिलाई जाए।
दवा सेवन-

बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एफ आर निराला ने बताया कि 10 अगस्त को 1 से 2 वर्ष के बच्चों को 200 मिलीग्राम या आधी गोली, 2 से 19 वर्ष तक के बच्चों को 400 मिलीग्राम या 1 गोली ,खाने के बाद सुपरवाइज डोज अर्थात दवा वितरक 1 से 3 वर्ष के बच्चों को पीसकर तथा 3 से 19 वर्ष के बच्चों को चबा कर अपने समक्ष ही खिलाई जावे तथा जो बच्चे 10 अगस्त को दवा लेने से वंचित हो जाए उन्हें मापअप राउंड के तहत 17 अगस्त को अनिवार्य रूप से दवा सेवन कराई जावे।

ड्यूटी में तैनात कर्मी दवा का सेवन अपने सामने खिलाएं। किसी भी परिस्थिति में दवा बच्चों या उनके पालकों को घर ले जाने के लिए नहीं दी जाए। दवा को बच्चों को पूरा चाबकर खाना है। किसी बच्चे के गले में अटक जाए तो बच्चों को अपनी गोद में छाती के बल लिटाकर पीठ में हल्के से थपथपाएं जिससे गले में फंसी गोली नीचे गिर जाए।

दवा खिलाने के बाद-


जिन बच्चों के शरीर में कृमि होंगे, उनके दवा खाने के बाद सामान्य प्रतिकूल प्रभाव जैसे पेट में हल्का दर्द, उल्टी, दस्त, थकान हो सकती है। ऐसे में उन्हें हवादार स्थान में आराम करने की व्यवस्था की जाए और पानी पिलाई जाए। ड्यूटी में तैनात कर्मी ऐसी स्थिति में अपने कन्ट्रोलिंग अधिकारी और नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र को सूचित करें। इसकी सूचना टोल फ्री नंबर +91-18001803024 पर भी दी जा सकती है।

कृमि सामान्य बीमारी नहीं, कई गंभीर रोगों का कारण भी है-


बैठक में खंड चिकित्सा अधिकारी बरमकेला डॉ. अवधेश पाणिग्राही ने कृमि संक्रमण के विभिन्न चरणों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जैसे ही संक्रमण पेट मे पहुँचता है लोगों को दस्त होता है,जब कृमि विकसित होकर रक्त में पहुँचता है तो रक्त कोशिकाओं का शिकार करता है जिससे रक्ताल्पता होती है। आगे जब संक्रमण फेफड़ा में पहुँचता है, तब निमोनिया और मष्तिस्क में पहुंचकर झटके आदि बीमारी के कारण बनते है।

बैठक में जिले के सभी बीएमओ, नोडल अधिकारी पंचायत हरिशंकर चौहान, डीईओ डेजी रानी जांगड़े, डिप्टी कलेक्टर टी.आर. महेश्वरी, बी. एक्का, सीएमओ राजेश पांडेय, आयुर्वेद डॉ. पटेल, महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी कृष्णा साहू, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डीपीएम एन एल इजारदार, डॉ. सेन, डॉ. रात्रे सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

Hindi News / Raigarh / इस खतरनाक बैक्टीरिया के खात्मे के लिए कलेक्टर ने किया टास्क फाॅर्स का गठन, बच्चों को सबसे ज्यादा करता है अटैक, जानें लक्षण

ट्रेंडिंग वीडियो