Chhath Puja 2024: छठ घाट में बडे़ पैमाने पर चल रही तयारी
Chhath Puja 2024: अगले दिन सप्तमी को उगते सूर्य को अर्ध्य देते हैं और फिर पारण करके व्रत को पूरा किया जाता है। तिथि के अनुसार, छठ पूजा 4 दिन की होती है। ऐसे में मंगलवार को नहाए-खाये से छठ व्रत की शुरूआत की जाएगी, जिसके लिए व्रती महिलाएं तैयारी में जुट गई है। जिससे छठ मईया के विशेष प्रसाद ठेकुआ तैयार करने के लिए घर-घर में गेंहू की साफ-सफाई का कार्य तेज हो गया है। तो वहीं पुरुष वर्ग छठ घाटों की साफ-सफाई और रंग-रोगन में जुट गए हैं।
Chhath Puja 2024: शहर के जुटमिल स्थित लेबर कालोनी छठ घाट में बडे़ पैमाने पर पूजा होता है। यहां हर साल हजारों लोग छठ पूजा के लिए पहुंचते हैं। जिससे अभी से यहां साफ-सफाई के साथ रंग-रोगन किया जा रहा है। वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो इस घाट पर हर साल 10 से 20 बेदी नए बनते है, जिससे तीन-चार दिन पहले से ही वेदी बनाने का काम चल रहा है।
Chhath Puja 2024: घाट को व्यवस्थित करने में जुटे समिति के लोग
जूटमिल स्थित लेबर कालोनी
छठ घाट की साफ-सफाई के साथ लाईटिंग की भी व्यवस्था समिति द्वारा कराई जा रही है। साथ ही नगर निगम द्वारा घाट की सफाई के साथ मार्ग को भी सफाई कराई जा रही है। इसके साथ ही इस साल मुख्य मार्ग से छठ घाट तक की सड़क में टेंट व लाईटिंग की व्यवस्था की गई है, क्योंकि छठ पूजा के समय महिला-पुरुष व बच्चे भी देर शाम तक आना जाना करते हैं, जिससे इनको परेशानी का सामना न करना पड़े।
छठ महापर्व नजदीक आते ही घाटों की
साफ-सफाई व रंग-रोगन के कार्य शुरू हो गया है। वहीं मंगलवार के नहाए-खाए से छठ महापर्व की शुरूआत हो रही है। जिससे व्रती महिलाएं अभी से तैयारी में जुट गई है। साथ ही छठ घाट में लाईटिंग व अन्य कार्य भी शुरू हो गया है, जो एक-दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा।
नदी और तालाबों के घाट में होगी पूजा
उल्लेखनीय है कि दिनों-दिन
छठ मैय्या की चलन बढ़ने से शहर के दर्जनों स्थानों पर छठ पूजा की तैयारी चल रही है, जिसमें देखा जाए तो एसईसीएल के पास केलो नदी किनारे, बेलादुला स्थित केलो नदी घाट, जगदंबा मंदिर के पास, जुटमिल लेबर कालोनी, बुढ़ी माई मंदिर स्थित करबला तालाब, गणेश तालाब, निकले महादेव मंदिर तालाब, भुजबधान तालाब, मिट्ठूमुड़ा तालाब, उर्दना स्थित तालाब सहित अन्य स्थान शामिल है। वहीं निगम द्वारा अभी तक कई तालाबों की साफ-सफाई भी नहीं कराई गई है। जिससे लोग निगम की राह देख रहे हैं, ताकि सफाई हो सके।
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रायगढ़ जिला औद्योगिक नगरी होने के कारण यहां बड़ी संख्या में यूपी-बिहार के लोग निवासरत है। जिसके चलते दीपावली के बाद से ही यहां छठ पूजा की धूम शुरू हो जाती है। जिससे अब घर-घर में तैयारी शुरू हो गई है, साथ ही महिलाएं छठ मईया के गीत गाते हुए गेंहू की सफाई व अन्य कार्य में जुट गई है। व्रती महिलाओं की मानें तो
छठ मईया की पूजा में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। जिसको लेकर पहले से ही तैयारी की जाती है।