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रायगढ़

CG Tourism: छत्तीसगढ़ का ये जिला कर रहा विश्व धरोहर बनने का दावा,यहां चप्पे-चप्पे में है प्राचीन काल का इतिहास

CG Tourism: यहां की गुफाओं में निर्मित सभी शैलचित्र गेरूवें रंग के है जो मडविथ हेमीटाइड आक्साइड से बने हैं। कार्बन डेटिंग से इनका काल 20 हजार वर्ष पुराना है।

रायगढ़Jun 25, 2024 / 12:14 pm

Shrishti Singh

CG Tourism

CG Tourism: जिला प्रशासन द्वारा जिले के पर्यटन को विश्व पटल पर स्थापित करने एवं पहचान दिलाने के लिए प्रयास कर रहा है। जिले में पर्यटकों की सुविधा के लिए अधोसंरचना विकास कार्यों सहित इससे जुड़ी हुई आकर्षक गतिविधियों को समाहित करने का प्रयास किया जा रहा है। पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है जो समाज के प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित करता है। पर्यटन स्थानीय निवासियों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान कर राज्य के आय का एक सश्क्त माध्यम भी है।

शासकीय एवं निजी क्षेत्र के संरचनात्मक संयुक्त प्रयासों से पर्यटन में वृद्धि और राज्य को पहचान दिलाना है। यह नीति पर्यटन के विकास में स्थानीय समुदायों और उद्यमियों को इस क्षेत्र में सक्रियता से भाग लेने पर बल देती है। जिले में पर्यटन विकास के लिए सर्वप्रथम पर्यटन अधेसंरचना में वृद्धि किया जाना आवश्यक है।

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जिले में ऐसे अनेक क्षेत्र है जो पर्यटन के दृष्टिकोण से अछूते अनजान एवं पहुंच विहीन है जिन्हे सुगम बनाना बहुत जरूरी है। प्रमुख बुनियादी अधोसंरचना अन्तर्गत परिवहन, बिजली आपूर्ति, मोबाइल नेटवर्क, जलापूर्ति एवं साफ सफाई के साथ साथ सड़क नेटवर्क में सुधार जरूरी है जो पर्यटकों को रूची के स्थानों पर पहुंचने में बाधक न बने।

पर्यटकों के लिए सुविधाएं इसमें आवास, रेस्टोरेंट, मनोरंजन एवं अन्य सुविधाओं का प्रावधान जैसें पार्किग, टायलेट, आश्रय स्थल, दुकानें, वाई फाई आदि होना चाहिए। शासन द्वारा रायगढ़ जिले में पर्यटन विकास के लिए जिला स्तरीय पर्यटन समिति का गठन किया गया है जिसका उददेश्य पर्यटन विकास में तेजी लाना है यह समिति छत्तीसगढ़ टुरिज्म बोर्ड के साथ मिलकर कार्य करती है।

CG Tourism - Waterfall

CG Tourism: हजारों वर्ष पुराने शैलचित्र मौजूद

प्रकृति के इस गौरवमयी इतिहास की पुन: प्राण प्रतिष्ठा करने जिला पुरातत्व एवं पर्यटन समिति प्रयासरत है। रायगढ़ जिला में स्थित आरक्षित एवं संरक्षित वन पूर्व के वर्षों में साल एवं बीजा के घने वन थे जो वृक्षों से आच्छादित थे धीरे-धीरे समय बढ़ता गया एवं जैविक दबाव अतिरूप में पड़ा परिणाम स्वरूप वनों का विकास कम हास अधिक होता गया और प्राकृतिक सुन्दरता कम हो गई।

यहां की गुफाओं में शैलाश्रयों में प्रागैतिहासिक कालीन शैलचित्र प्राप्त हुए हैं। गुफा मानव फुरसत के समय में अपनी कला को शैलाश्रयों के दीवारों पर उकेरा करता था। यहां की गुफाओं में निर्मित सभी शैलचित्र गेरूवें रंग के है जो मडविथ हेमीटाइड आक्साइड से बने हैं। कार्बन डेटिंग से इनका काल 20 हजार वर्ष पुराना है।

लुभाता है माया पहाड़ का सनसेट पाइंट

जिले में पुरातात्विक एवं प्राकृतिक महत्व के बहुत से स्थल है जिनके विकास के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ व घरघोड़ा तहसील में पर्यटन की अपार संभावना है। यहां पुरातात्विक महत्व के बहुत सी गुफाओं में शैलचित्र प्राप्त हुए है जिनका संरक्षण व संवंर्धन जरूरी है। देखरेख के अभाव में ये महत्वपूर्ण स्थल खंडित होते जा रहे हैं। जिले के धरमजयगढ़ तहसील के उत्तरी सीमा में पहाड़ों पर प्राकुतिक महत्व के बहुत से स्थल व झरने जो बारहमासी प्रवाह वाले हैं, जिनका विकास कर इको टुरिस्म को बढ़ावा दिया जा सकता है।

जिले के लाम पहाड़ गोर पहाड़ व छुही पहाड़ के साथ माया पहाड़ का सौन्दर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां का मनमोहक दृश्य और सनसेड पाइंट बेहद खूबसूरत होता है। आसपास के लोग इस क्षेत्र में जाते हैं। पर्यटन की दृष्टि से यदि इसका विकास कार्य किया जाए तो यह भी जिले के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान साबिता हो सकता है। इसको विकास से क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेगे।

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CG Tourism: जिलें के विभिन्न स्थानों पर मौजूद हैं पर्यटन स्थल

धार्मिक महत्व के स्थल

सत्य नारायण बाबाधाम, पहाड़ मदिर, मां बंजारी मंदिर, मानकेष्वरी मंदिर, मॉ नाथलदाई मंदिर, मॉ अम्बेटिकरा, बोरो रानी मंदिर, मॉ बंजारी सिसरिंगा, महादेव मंदिर पोरथधाम, केवटीन मंदिर पुजारीपाली, प्रमुख दर्र्शनीय स्थल है। इसके अलावा अन्य स्थानाें पर भी धार्मिक स्थल मौजूद हैं।

झरना वाटर फाल

सलिहारी फाल, संगवारी फाल, गवंग गंगा कंचिरा फाल बारह मासी झरने के अलावा और भी बहुत सें बरासात के महिनों में दर्शनीय फाल इस जिलें में प्रवाहित है।

प्राकृतिक महत्व के स्थल जलाशय बांध एवं पार्क

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इंदिरा बिहार, पर्यावरण पार्क रोज गार्डन, राम झरना, अटल राक गार्डन, राबो डेम, टीपाखोल, आमादरहा, कुमरता जलासय, क्रोन्धा डेम, खम्हार बांध आदि मुख्य स्थल है।

पुरातात्विक महत्व के स्थल

कबरा पहाड़, सिंघनपुर गुॅफा, बसनाझर, उषाकोठी, हॉथादाई, वंदनखोह, पंचभयापहाड़, राबकोब, घोड़ी डोंगरी आदि के अलावा और भी बहुत से स्थल है।

सामाजिक वैज्ञानिक एवं सदस्य जिला पुरातत्व संघ/जिला स्तरीय पर्यटन समिति रायगढ़ प्रो. डीएस मालिया का कहना है कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में हो रहे तात्कालिक विकास के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आगमन में जिलें का हिस्सा बहुत कम है। इसलिए जिला प्रशासन को पर्यटन क्षेत्र के समस्त विकास के लिए मुख्य चालक के रूप में समावेशी क्षमता वाले निजी क्षेत्र की भागीदारी को एक बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करना चाहिए। जिले में इसकी अपार संभावना है।

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