इसमें बताया कि वर्ष 2021 में उसके परिचित रूपराज मानिकपुरी द्वारा रायपुर मंत्रालय में नौकरी करना और मंत्रियों से अच्छी जान पहचान बताकर 3 लाख में खाद्य विभाग में नौकरी लगा देने की बात बताई थी। नौकरी के प्रलोभन में आकर रूपराज के कहने पर उसके और उसकी पत्नी सरिता मानिकपुरी के खाते में अपने जीजा और छोटी बहन के खाते से रुपए ट्रांसफर किया। वहीं कई बार रूपराज मानिकपुरी को रायगढ़ में 10 हजार, 5 हजार रुपए भी दिया।
मनोहर महंत ने बताया कि उसे नौकरी के नाम पर रूपराज 3 लाख लेकर केवल आवेदन का पावती दिया है, जब मनोहर अपने स्तर पर रायपुर जाकर पता किया तो रूपराज मानिकपुरी किसी मंत्रालय में कार्यरत नहीं है बल्कि उसने झूठा आश्वासन देकर
धोखाधड़ी किए जाने की बात सामने आई। इसके बाद पुलिस से शिकायत की। मामले की रिपोर्ट पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर जांच शुरू की।
वहीं मामले का आरोपी फरार था। बीते गुरुवार को आरोपी को रायपुर में देखे जाने की सूचना पुलिस को मिली। ऐसे में पुलिस टीम रायपुर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने बताया कि ठगी के रुपए से एक सेंकड हैण्ड इंडिगो कार सीजी 04 केआर 1251 खरीदा है।
मंत्रालय में नहीं था कार्यरत 3 लाख रूपए देने के बाद जब नौकरी नहीं लग सकी, तब मनोहर ने अपने स्तर पर रायपुर जाकर पता किया। जहां उसे रूपराज मानिकपुरी के किसी मंत्रालय में कार्यरत नहीं होने की जानकारी मिली। इसके बाद वह समझ गया कि वह ठगी का शिकार हो गया है।