महिला ने शुक्रवार को पुलिस में एफिडेविड देकर कबूल किया है कि ये सब उसने व्यक्तिगत खुन्नस के चलते किया था। उसने जिन पर
रेप के आरोप लगाए, वास्तव में वह उनसे कभी मिली भी नहीं है। महिला ने भाजपा सारंगढ़-बिलाईगढ़ के जिलाध्यक्ष सुभाष जालान, बिलाईगढ़ जनपद पंचायत के सीईओ प्रतीक प्रधान, सहकारी समिति के प्रबंधक मोतीलाल प्रधान और बलौदाबाजार के माखन सिंह कंवर पर दुष्कर्म के आरोप लगाए गए थे। महिला ने एसपी को आवेदन देकर इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। अब महिला ने शपथ पत्र देकर अपना बयान वापस ले लिया है।
महिला ने बताया कि उसके पति कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ थे। उनके काम में खामियां पाई गईं। इस कारण उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। महिला ने समझा कि इन प्रभावशाली व्यक्तियों के कारण यह कार्रवाई हुई। इसी गुस्से में उसने उन पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगा दिया। महिला ने स्वीकार किया कि उसने भाजपा जिलाध्यक्ष सुभाष जालान और सीईओ प्रतीक प्रधान से कभी मुलाकात भी नहीं की। उसने कहा, मैंने यह सब केवल अपने पति की नौकरी बचाने के लिए किया था। अब मैं अपने आरोप वापस ले रही हूं।
सिलसिला ही चल पड़ा है रेप केस लगाओ, फंसाओ
सरसींवा इलाके में दुष्कर्म के झूठे आरोप लगाकर लोगों को फंसाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी जनपद पंचायत बिलाईगढ़ में पदस्थ दो तकनीकी सहायकों पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर महिला ने बाद में न्यायालय में अपना आरोप झूठा बताते हुए वापस लिया था। इलाके के सामाजिक संगठनों और नागरिकों का कहना है कि इन झूठे आरोपों का मकसद केवल लोगों की छवि खराब करना और राजनीतिक लाभ उठाना है। स्थानीय लोगों का यह भी मानना है कि
भाजपा जिलाध्यक्ष के खिलाफ षड्यंत्र रचा गया। सुभाष की लोकप्रियता और भाजपा की मजबूती को नुकसान पहुंचाने के लिए यह मामला गढ़ा गया। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह व्यक्तिगत गुस्से से ऊपर सोची-समझी गई साजिश लगती है।