रिपोर्ट के मुताबिक,
रायबरेली के रघुराजपुर रेलवे क्रॉसिंग पर रात करीब 7.55 बजे अज्ञात डंपर ने रेलवे ट्रैक पर रेत डाल दी थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गंगा एक्सप्रेसवे पर मिट्टी डालने का काम चल रहा था और उसी काम में लगे एक डंपर ने ट्रैक पर रेत डाल दी और भाग गया। इसके तुरंत बाद रायबरेली से रघुराज सिंह शटल ट्रेन नंबर 05251 आई, जो धीमी गति से चल रही थी। ट्रेन की गति कम होने के कारण लोको पायलट ने ट्रेन को अचानक रोक दिया और दुर्घटना होने से बच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई डंपर चालक की सच्चाई
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यदि ट्रेन की गति अधिक होती तो वह पटरी से उतर सकती थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है और डंपर चालक की तलाश शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि बाद में ट्रैक से रेत हटा दी गई और मार्ग पर रेल यातायात फिर से शुरू कर दिया गया। इससे पहले 5 अक्टूबर को भी एक बड़ा हादसा टल गया था। जब लखनऊ जाने वाली ट्रेन को समय रहते रोक दिया गया था। उस समय ट्रैक पर एक कार चलती दिखी थी। यह घटना गोंडा-लखनऊ रेल खंड के पास हुई, जब
गोरखपुर-लखनऊ इंटरसिटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस के चालक ने ट्रैक पर एक कार देखी। चालक ने तुरंत आपातकालीन ब्रेक लगाया और ट्रेन को समय रहते रोक दिया।
एक साल में डिरेलमेंट की हो चुकी हैं 24 घटनाएं
इससे पहले, भारतीय रेलवे ने कहा था कि अगस्त से अब तक देश भर में ट्रेनों को पटरी से उतारने की 18 कोशिशें हुई हैं। अधिकारियों ने बताया कि जून 2023 से अब तक ऐसी 24 घटनाएं हो चुकी हैं। अधिकारियों को रेल पटरियों पर विभिन्न प्रकार की वस्तुएं रखी हुई मिलीं। जिनमें एलपीजी सिलेंडर, साइकिल, लोहे की छड़ें और सीमेंट के ब्लॉक शामिल थे। खीरों थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) देवेंद्र भदोरिया ने बताया कि एक डंपर से रेल पटरी पर कुछ मिट्टी गिरी थी, जिसे हटवा दिया गया। मिट्टी हटने के बाद ट्रेन का आवागमन शुरू हो गया। मामले की छानबीन की जा रही है। लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया।