न्यायालय ने आठ जुलाई के आदेश में कहा था कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों में कहा गया है कि 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी को एक जुलाई को एक इंक्रीमेंट पाने का अधिकार है। इसके बावजूद यह कहते हुए नोशनल (सांकेतिक) इंक्रीमेंट देने से इनकार कर दिया गया कि एक जुलाई को याचीगण सेवा में नहीं थे। कोर्ट ने जिलाधिकारी को 10 दिन में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था।
इसलिए डीएम की गिरफ्तारी वारंट हुआ जारी
कोर्ट को बताया गया कि आदेश की सूचना सिविल जज के जरिये जिलाधिकारी बांदा को दी गई है। अगली सुनवाई की तिथि 18 जुलाई को कोर्ट ने कहा, पिछले आदेश का पालन करें या हाजिर हों। इसके बावजूद न तो आदेश का पालन किया और न ही जिलाधिकारी उपस्थित हुए। इसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया और गिरफ्तारी वारंट जारी कर 25 जुलाई को पेश होने का निर्देश दिया।