स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने क्या कहा ?
सनातन बोर्ड को लेकर स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि हम सनातन बोर्ड के बारे में बहुत स्पष्ट हैं। ऐसा कोई बोर्ड नहीं बनना चाहिए। ये फालतू की बातें हैं। सनातन बोर्ड बनाने की आड़ में कहीं न कहीं उनके हाथों में तो नहीं खेल रहे जो आल इंडिया मुस्लिम प्रसन्ना बोर्ड और वक़्फ़ बोर्ड को जिन्दा रखना चाहते हैं। हम उसको समाप्त करना चाहते हैं और आप चाहते हैं कि वो भी बना रहे और हमारा भी एक बोर्ड बन जाए।कौन देगा अपनी जमीनें ?
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने आगे कहा कि सनातन बोर्ड बन जाए तो इसमें अपनीं जमीने कौन देगा ? कहां से आएंगी जमीने ? कौन अपना दान देगा ? आवश्यक है कि 4 लाख हिन्दुओं के मठ-मंदिर जो सरकार चला रही है वो मंदिर वापस मिले। प्रत्येक मंदिर की पूजा पद्धति उनकी परंपरा उसकी रीति-नीति के अनुसार उनके क्षेत्र से विशेषकर एक दलित और एक महिला उस ट्रस्ट में बने। प्रत्येक मंदिर का स्वतंत्र ट्रस्ट हो।दो बच्चों के चककर में नहीं मिलेंगे सैनिक और सन्यासी
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने आगे कहा कि आगे आने वाले दिनों में सन्यासी और सैनिक ये दो बच्चों के चक्कर में नहीं मिलने वाले हैं। तो पीठ और परंपरा कौन निभाएगा ? तो अगर समाज का वर्ग बनाना है तो प्रत्येक मंदिर का स्वतंत्र बोर्ड बनाना होगा। ये वक़्फ़ बोर्ड टाइप सनातन बोर्ड का शिगूफा नहीं चलता है। जो लोग इसको हवा दे रहे हैं उनसे इसके बारे में 10 लाइन बोलवा लीजिये। यह भी पढ़ें
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बस चर्चित होना है
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने आगे कहा कि बस चर्चित होना है और समाज में परिचित होना है ताकि धर्म की दूकान चलती रहे। इसके लिए कुछ भी आएं-बाएं-साएं बोलते रहो। हिन्दू समाज के लिए ठोस रणनीतिक आधार पर आगे बढ़ने के लिए एक पूरा रोडमैप चाहिए।कुंभ में हिन्दू धर्म के रोडमैप पर चर्चा
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने आगे कहा कि इस कुंभ में रोडमैप की चर्चा होगी। विश्व हिन्दू परिषद भी करेगी संघ भी करेगा अखिल भारतीय संत समिति भी करेगी अखाड़ों के पदाधिकारी भी उस चर्चा में भाग लेंगे और काशी विद्वत परिषद भी करेगी। यह भी पढ़ें
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भारत सरकार को मिलनी चाहिए जमीन
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने आगे कहा कि हम सभी मिलकर के एक साथ एक निश्चित मार्ग पर आगे बढ़ेंगे जिसमे समग्र हिंदी समाज दुनिया के 129 देशों में रहता है। उस हिन्दू के बेहतरी के लिए हम क्या-क्या कर सकते हैं। हिन्दू अचार संहिता जैसा भी प्रश्न है। हिन्दू बोर्ड वक़्फ़ बोर्ड के तर्ज पर प्रकारांतर के हम वक़्फ़ बोर्ड का बचाव कर रहे हैं। 9 लाख हेक्टेयर जमीन जो उनके पास है वो भारत सरकार की है। वो भारत सरकार को वापस मिलनी चाहिए।नहीं चाहिए हिन्दू बोर्ड
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने आगे कहा कि हमे कोई हिन्दू बोर्ड नहीं चाहिए इसी तरीके से। हमे ये चाहिए। हमे ये नहीं चाहिए कि एक राक्षस को मारने के लिए कोई दूसरा राक्षस पैदा करेंगे। हमे तो स्वतंत्र हिन्दू मंदिरों की स्वतंत्र की व्यवस्था चाहिए। सभी अपने-अपने मंदिर चलाये। यह भी पढ़ें