इलाहाबाद. माघ मेले में प्रशासन की ओर से शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को दी गई अतिरिक्त सुविधाओं को वापस ले लिया गया। इसके पीछे मुख्य वजह प्रशासन द्वारा आॅडिट की आपत्ति से बचने के लिए उठाया गया कदम माना गया है। इसके कारण स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती सहित करीब 410 संस्थाएं प्रभावित हुईं। प्रशासन की ओर से इस तरह का फैसला पहले भी किया जा चुका है।
माघ मेले में हर बार प्रशासन की ओर से संतों को अतिरिक्त सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। इस बार भी करीब 410 नई संस्थाओं को सुविधाएं दी गई। इस माघ मेले के माघ मेले में कई ऐसी संस्थाएं भी थी जिन्हें दबाव के कारण पहली बार जमीन आवंटित की गई। अब मेला खत्म हो चुका है। ऐसे में प्रशासन को अब सीएजी के आॅडिट से बचने की चिंता सताने लगी है। क्योंकि इन संतों को अतिरिक्त सुविधा प्रदान करने के लिए करोड़ों रूपए का वित्तीय भार बढ़ गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशासन ने ऑडिट की आपत्तियों से बचने के लिए साधु संतों को दी गई अतिरिक्त सुविधाएं, जमीन का आवंटन, 410 नई संस्थाओं की सुविधाओं को निरस्त कर दिया है। इनमें मुख्य रूप से स्वामी स्वरूपानंद के अलावा वासुदेवानंद सरस्वती, स्वामी विमल देव, माधवदास आश्रम सहित अन्य संस्थाओं की सुविधाएं शामिल हैं। अब इन संस्थाओं को अगले साल अतिरिक्त सुविधाएं नहीं मिलेंगी। प्रशासन की ओर से अगर ये आदेश नहीं जारी किया होता तो अगले साल भी इन संस्थाओं को अतिरिक्त सुविधाएं देनी पडती। ऐसे में अब माघ मेले के विभिन्न संस्थाओं को अगली बार जमीन व अन्य सुविधाओं के लिए काफी जद्दोजहद करनी पडेगी।
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