माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को रात 10.30 बजे उस वक्त गोलियों से मार कर हत्या कर दी गई। जब पुलिस उन दोनों को कॉल्विन हॉस्पिटल मेडिकल टेस्ट के लिए ले जा रही थी। यूं तो अतकी और उसके गैंग पर 100 से ज्यादा मुकदमें दर्ज थे। लेकिन 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के बाद उसके साथ उसका पूरा परिवार गैंग के साथ सरकार के निशाने पर आ गया। इसके बाद पुलिस ने इस हत्याकांड में उसके बेटे असद के साथ ही उसके गैंग के कई लोगों को एनकाउंटर में ढ़ेर कर दिया था।
माफिया अतीक अहमद और अशरफ की 15 अप्रैल को की गई हत्या के बाद आज उनका चालीसवां है। इस्लाम धर्म के मुताबिक किसी आदमी के मरने के 40 दिन बाद उसके कब्र पर जाकर फूल चढ़ाने के साथ ही उसकी आत्मा की शांती के लिए फातिहा पढ़ा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को ही चालीसवां कहा जाता है।
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अब अतीक और अशरफ की मौत के बाद चालीसवां का दिन आ गया है, फिर पुलिस और चकिया के निवासियों को शाइस्ता के साथ जैनब फातिमा के आने की आशंका है। ऐसा इसलिए कि रस्म के तहत चालीसवां पर मृतक की पत्नी समेत खून के रिश्ते के लोग फातिहा पढ़ते हैं।