एसटीएफ ने 21 अप्रैल को खुलासा किया था कि RO/ARO परीक्षा का प्रश्नपत्र प्रयागराज के विशप जॉनसन गर्ल्स कॉलेज केंद्र के अलावा एक अन्य जगह से भी लीक कराया गया। मेरठ जेल में बंद नकल माफिया राजीव नयन मिश्र से पूछताछ में पता चला था कि उसे यह पेपर उसके दोस्त सुभाष प्रकाश निवासी मधुबनी ने पहले ही भेजा था। इसके बाद से ही सुभाष की तलाश की जा रही थी।
भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस में छपवाया गया था RO/ARO का पेपर
एसटीएफ को जांच में पता चला कि परीक्षा का प्रश्नपत्र उप्र लोक सेवा आयोग की ओर से भोपाल स्थित प्रिंटिंग प्रेस में छपवाया गया था तब मास्टरमाइंड राजीव नयन भी अपने गैंग के कुछ सदस्यों के साथ भोपाल में ही रह रहा था। जांच में एक-एक कर कुल छह नाम सामने आए, जिन्हें रविवार को सटीक सूचना पर प्रयागराज में कीडगंज स्थित परेड ग्राउंड के पास से गिरफ्तार किया गया। इनमें मधुबनी का सुभाष प्रकाश, प्रयागराज का विशाल दुबे, संदीप पांडेय, गया का अमरजीत शर्मा और बलिया का विवेक उपाध्याय शामिल हैं। पानी की बोतल में छिपाकर प्रेस से बाहर लाया गया प्रश्नपत्र
प्रिंटिंग के दौरान यदि कोई प्रश्न पत्र स्याही आदि के कारण खराब हो जाता है, तो उसे छांट कर अलग रखा जाता है और बाद में कटर मशीन में नष्ट कर दिया जाता है। तीन फरवरी ऐसे हुआ लीक को सुनील मशीन की मरम्मत के बहाने मौजूद था और मौका देखकर प्रिंटिंग प्रेस मशीन के एक पार्ट को बाहर ठीक कराने के नाम पर पानी की बोतल लेकर प्रेस से बाहर आ गया। इन्हीं में वह एक प्रश्नपत्र भी छिपाकर बाहर लाया और इस तरह से पेपर लीक कराया गया।
10 लाख रुपये की हुई थी डील
सुनील ने बताया कि प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के लिए उसकी राजीव एंड कंपनी से 10 लाख की डील हुई थी। उसने प्रश्न पत्र भोपाल में अपने सामने ही पढ़वाए जाने की शर्त भी रखी, ताकि व्यापक रूप से प्रश्नपत्र वायरल न होने जाए। इस पर राजीव और उसके साथियों ने हामी भी भरी। हालांकि, बाद में सुभाष और विशाल ने इसकी फोटो राजीव नयन के मोबाइल पर भी भेजी जिसके बाद पेपर वायरल हुआ।
गैंग में युवती भी शामिल
जेल भेजे गए आरोपियों का एक संगठित गिरोह है। इस गैंग में सरगना राजीव नयन की परिचित शिवानी भी सम्मिलित है। शिवानी ही राजीव के पैसों के लेनदेन का काम देखती थी। इस प्रकरण में विवेचना अभी जारी है और कई अन्य नाम भी सामने आने की संभावना है।