भानु भास्कर ने कहा कि घाटों के विस्तार के साथ ही किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए नदियों के अंदर 8 किमी लंबी बैरिकेडिंग बनाई जाएगी। घाटों और नदियों के बीच के इलाकों में वाटर स्कूटर ब्रिगेड भी गश्त करेगी। 25 वाटर स्कूटर से लैस यह ब्रिगेड आपात स्थिति के दौरान तेजी से एक्शन लेगी। इसके अलावा संगम और वीआइपी घाटों पर दो फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
Kashi Prerna Cafe से ग्रामीण महिलाओं को मिला रोजगार, हर महीने कमा रहीं 8 से 9 हजार रुपये पीएसी और जल पुलिस को मिली सुरक्षा की जिम्मेदारी
सतह और पानी के अंदर की सुरक्षा की जिम्मेदारी पीएसी और जल पुलिस को सौंपी गई है। आगंतुकों की सुरक्षा
मेला पुलिस प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। संभावित खतरों से निपटने के लिए घाटों और नदियों पर सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। ताकि नियमित और आपातकालीन दोनों स्थितियों में सतर्कता सुनिश्चित की जा सके।