मामले में याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर विचार किए बगैर एक उत्तर को सही करके परिणाम घोषित किया गया। अभ्यर्थियों ने उसे हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी और उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करने और फिर से परिणाम घोषित करने का निर्देश देने की भी मांग की। याचियों ने कहा कि आयोग ने मनमाने तरीके से आपत्तियों पर विचार किए बिना परिणाम घोषित कर दिया।
प्रयागराज•Jun 16, 2022 / 12:59 pm•
Sumit Yadav
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा: उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन में सहानुभूति या करुणा की नहीं होती भूमिका
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