scriptइलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन का 15 न्यायिक अफसरों पर सख्त एक्शन, 10 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति | Allahabad HC Administration 10 Judicial Officers Compulsory Retirement | Patrika News
प्रयागराज

इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन का 15 न्यायिक अफसरों पर सख्त एक्शन, 10 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति

– हाईकोर्ट की छवि प्रभावित करने वाले कई न्यायिक अफसरों पर सख्त ऐक्शन लिया। 10 न्यायिक अधिकारियों को समयपूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। और उनके पॉवर भी सीज कर दी गई है। फैसले की संस्तुति प्रदेश सरकार को भेजी जाएगी। अनुमोदन और राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद फाइनल कार्रवाई की जाएगी।

प्रयागराजNov 30, 2021 / 01:13 pm

Sanjay Kumar Srivastava

इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन का 15 न्यायिक अफसरों पर सख्त एक्शन, 10 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति

इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन का 15 न्यायिक अफसरों पर सख्त एक्शन, 10 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन ने आचरण और व्यवहार से विभाग की छवि को भी प्रभावित करने वाले न्यायिक अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की है। हाईकोर्ट प्रशासन ने यूपी के आठ अपर जिला न्यायाधीश, दो जिला जज स्तर के और दो सीजेएम स्तर सहित 15 न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का फैसला किया है। इनमें से 10 न्यायिक अधिकारियों को समयपूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। और उनके पॉवर भी सीज कर दिए गए हैं।
हाईकोर्ट की फुल कोर्ट ने बैठक में लिया फैसला :- इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ पीठ के न्यायाधीशों की फुलकोर्ट बैठक में 10 न्यायिक अधिकारियों को नियम 56 सी के तहत निष्प्रयोज्य आंका गया। ये सभी अपने आचरण और व्यवहार से विभाग की छवि को प्रभावित कर रहे थे। इन अधिकारियों में जिला जज स्तर के मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल के एक पीठासीन अधिकारी के अतिरिक्त लखीमपुर, आगरा, कौशाम्बी, वाराणसी, हमीरपुर व उन्नाव में कार्यरत अपर जिला जज, मुरादाबाद व कानपुर नगर के सीजेएम स्तर के एक-एक अधिकारी और गोरखपुर की महिला अपर जिला जज को समय से पूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्त कर दिया गया है।
हाईकोर्ट की राहत :- हाईकोर्ट में कार्यरत एक रजिस्ट्रार को काम पूरा न हो पाने कारण स्कैनिंग कमेटी ने इन्हें भी सूची में शामिल किया था, पर अपने आचरण, व्यवहार और अच्छे न्यायिक अधिकारी होने की कारण उन्हें राहत प्रदान की गई है। एक जिला जज अवकाश ग्रहण करने कारण कार्यवाही से राहत पा गए। काफी समय से निलंबित चल रहे सुलतानपुर के एडीजे को भी राहत प्रदान की गई है।
राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद फाइनल कार्रवाई :- बताया जा रहा है कि, जिन न्यायिक अधिकारियों पर कार्रवाई का निर्णय लिया गया है उनकी संस्तुति प्रदेश सरकार को भेजी जाएगी। प्रदेश सरकार के अनुमोदन और राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद फाइनल कार्रवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट का अधिकार :- संविधान के 235 अनुच्छेद में हाईकोर्ट को जिला न्यायालयों में कार्यरत न्यायिक अधिकारियों पर नियंत्रण रखने का अधिकार प्राप्त है। यह कार्रवाई पहली बार नहीं हुई है। इससे पूर्व भी कई बार हाईकोर्ट ने सख्त कदम उठाए हैं। इस बाबत हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से वार्ता करने की कोशिश की गई पर पर्क नहीं हो सका।

Hindi News / Prayagraj / इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन का 15 न्यायिक अफसरों पर सख्त एक्शन, 10 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति

ट्रेंडिंग वीडियो