scriptअमिताभ के सम्मान से इतराया प्रयागराज – 50 साल से बॉलीवुड पर राज कर रहा छोरा गंगा किनारे वाला | Allahabad feeling proud for Amitabh Bachchan for Dada saheb falke | Patrika News
प्रयागराज

अमिताभ के सम्मान से इतराया प्रयागराज – 50 साल से बॉलीवुड पर राज कर रहा छोरा गंगा किनारे वाला

-अमिताभ हमेशा इस शहर के शहंशाह रहे

प्रयागराजSep 25, 2019 / 10:59 am

प्रसून पांडे

Allahabad feeling proud for Amitabh Bachchan for Dada saheb falke

अमिताभ के सम्मान से इतराया प्रयागराज – 50 साल से बॉलीवुड पर राज कर रहा छोरा गंगा किनारे वाला

प्रयागराज। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को उनके जन्मदिन पर दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा जाएगा। यह अवॉर्ड अमिताभ बच्चन की कामयाबी का एक हिस्सा होगा, लेकिन इस शहर के लिए उसके माथे पर एक खूबसूरत नगीने की तरह जड़ जाएगा, जो सदियों तक लोगों के लिए प्रेरणाश्रोत होगा। अमिताभ के साथ दादा साहब फाल्के अवार्ड इस शहर की उपलब्धियों में शामिल होगा। यही वजह है की इलाहाबाद को इतराने का मौका एक बार फिर मिल गया है।

इसे भी पढ़े –सीएम साहब, कल्लू अपनी मरी पत्नी का शव साठ किलोमीटर तक ट्राॅली पर नहीं ढोया, आपके सुशासन के दावों का सच ढो रहा
इलाहाबादी अमिताभ बच्चन को उनकी तमाम कामयाबियों के फलक तक पहुंचते हुए देखने वाला यह शहर दादा साहब फाल्के पुरस्कार से पुरस्कृत होने पर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। अमिताभ का बचपन जो इस शहर से शुरू हुआ और सदी के महानायक तक की सफलता तक पंहुचा। वैसे तो इस शहर को कई बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर गौरवान्वित होने का मौका मिला, लेकिन सिल्वर स्क्रीन की दुनिया से सियासत तक में अमिताभ हमेशा इस शहर के शहंशाह रहे।

मुश्किल की हर जंजीर को तोड़ दी

अमिताभ बच्चन जिसने मुश्किल की हर जंजीर को तोड़कर कामयाबी की मिसाल कायम की। इस शहर की माटी में जन्मे महान बेटों ने कामयाबी की तमाम इबारत लिखकर इस शहर को दुनिया भर में पहचान दी है। दादा साहब फाल्के अवार्ड से नवाजे जाने वाले इलाहाबाद के पहली शख्सियत अमिताभ बच्चन होंगे।

पचास बरस का सफ़र

अमिताभ को दादा साहब फाल्के अवार्ड ऐसे समय में मिल रहा है जब उनकी पहली हिट फिल्म सात हिंदुस्तानी को पर्दे पर आए 50 साल पूरे हो रहे है। 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में जन्मे अमिताभ बच्चन की फिल्म सात हिंदुस्तानी 1969 में रिलीज हुई जिसके बाद अमिताभ बच्चन ने कभी पीछे पलटकर नहीं देखा।

शहर को नाज़ है

हरिवंश राय बच्चन के बेटे अमिताभ बच्चन ने कामयाबी की उन ऊंचाइयों को छुआ जहां तक हर किसी का पहुंचना मुमकिन नहीं होता। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शिक्षक रहे देश के महान कवि हरिवंश राय बच्चन ने अपनी लेखनी से मधुशाला का साहित्य प्रेमियों को रसपान कराया तो, अमिताभ ने रुपहले पर्दे पर 50 साल से छाए हैं। यह शहर आज भी अमिताभ बच्चन की हर कामयाबी पर नाज करता है।

इन्होने बढ़ाया मान

साहित्य और धर्म की राजधानी इलाहाबाद में राष्ट्रीय पुरस्कारों की एक लंबी फेहरिस्त है। इलाहाबाद में महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पंत, अमरकांत, हरिवंश राय बच्चन जैसे महान साहित्यकारों को ज्ञानपीठ दिया तो वहीं महामना मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। भारतीय सिनेमा में स्लमडॉग मिलेनियर जैसी ऑस्कर अवार्ड पाने वाली फिल्म के लेखक विकास स्वरूप का रिश्ता भी इसी शहर से है।

क्या कहा शहर ने

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शिक्षक और साहित्यकार डॉ धंनजय चोपड़ा कहते हैं कि इलाहाबाद तब खुद को बहुत गौरवान्वित महसूस करता है जब ऐसी शख्सियत इस शहर के नाम से जुड़ती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के अवसर हमें न केवल खुश होने का मौका देते हैं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का श्रोत भी होगा। वही फिल्मी दुनिया में अपना एक नाम स्थापित करने वाली वरिष्ठ रंगकर्मी आलोक नायर ने कहा कि हमारे लिए खास समय की तरह है। जब इस शहर से सिल्वर स्क्रीन पर पहुंचने वाले सदी के महानायक को आज सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित अवार्ड मिल रहा है। यह हम सबके लिए ऊर्जा देने वाला और समय के साथ खुद को साबित करने वाला अवार्ड भी है जो हमें और बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

Hindi News / Prayagraj / अमिताभ के सम्मान से इतराया प्रयागराज – 50 साल से बॉलीवुड पर राज कर रहा छोरा गंगा किनारे वाला

ट्रेंडिंग वीडियो