जैसे ही यह खबर प्रशासन तक पहुंची कोरांव के प्रभारी निरीक्षक नितेंद्र शुक्ल अपने दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। परिजनों ने बताया कि जेठू ने इस्लाम धर्म अपना लिया था और वे पांच वक्त की नमाज पढ़ते थे। उनके बेटों शिव प्रसाद और मोहनलाल ने बताया कि उनके पिता की अंतिम इच्छा का पालन करते हुए उन्हें मुस्लिम रीति-रिवाज से दफनाया गया।
परिजन करेंगे शेष क्रियाएं हिंदू रीति-रिवाज से
दफनाने से पहले मौलवियों ने मुस्लिम रिवाज के अनुसार फातेहा पढ़ा और फिर उन्हें नहला-धुलाकर तख्त पर लिटा दिया गया। इसके बाद जेठू को घर के सामने ही कब्र बनाकर दफन कर दिया गया। हालांकि, उनके परिवार के अन्य सदस्यों का कहना है कि वे शेष अंतिम संस्कार की क्रियाएं हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार ही करेंगे। जेठू के पुत्र मोहनलाल ने कहा कि हम अपनी परंपरा का पालन करेंगे और लोटा उठाकर शेष प्रक्रिया अपनी मान्यताओं के अनुरूप ही करेंगे। इलाके में चर्चा का विषय बना यह अनोखा मामला
इस अनोखी घटना ने इलाके में चर्चा का विषय बन गई है, और अधिकारी भी इस मामले में सतर्क हो गए हैं। हालांकि, परिजनों का कहना है कि उन्होंने केवल जेठू की इच्छा का सम्मान किया है और किसी भी प्रकार की धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं किया गया है।