लौटता मानसून जिले में छोड़ गया बर्बादी के निशान
नदी नालों में बह गए कई मवेशी(pratapgarh news)
लौटता मानसून जिले में छोड़ गया बर्बादी के निशान
प्रतापगढ़. जिले में अतिवृष्टि की मार झेल रहे लोगों को सोमवार को मौसम खुलने से राहत मिली है। लेकिन अतिवृष्टि से बर्बादी के निशान अब सामने आ रहे हैं। गांवों में लोगों के आशियाने ढह गए। फसलें बर्बाद हो गई और सडक़ें टूट गई। प्रशासन के पास मकानों और बर्बाद फसलों का मुआवजा देने की मांग को लेकर आने वाले ग्रामीणों की संख्या बढ़ गई है। सबसे ज्यादा नुकसान शिवना नदी और जाखम नदी के आसपास बसे गांवों में हुआ। यहां नदी के तेज बहाव से आसपास रहने वाले कई ग्रामीणों के घर ढह गए। घरेलू सामान उसमें दब गया। मवेशी पानी में बह गए।
जिले में सोमवार को बारिश का दौर थम गया। बादल छंटने से मौसम भी खुल गया। दिनभर धूप छांव का दौर चलता रहा। लेकिन जाते जाते मानसून बर्बादी के निशान छोड़ गया।
बरखेडी. यहां गांव के निकट एक कुएं पर कारूलाल पिता गोतम मीणा अपने परिवार के साथ मकान बनाकर रह रहा था। गत दो दिन में आई मूसलाधार बारिश के दौरान नदी के उफान पर वह अपने परिवार को बरखेड़ी गांव में छोडऩे आया था। वापस आकर मवेशियों को लेने जा रहा था कि शिवनानदी ने अपना विकारल रूप ले लिया। वह यहां बंधे मवेशियों को निकाल नहीं पाया और वे नदी में बह गए। उसके घर को भी नुकसान पहुंचा। घर में रखा सोयाबीन, गेहूं और खाने पीने का सामान बह गया। बारिश के चलते सेमलाखेडा बरखेड़ी, खजुरियाखेडा में कच्चे मकान ढह गए।
किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है। राजकीय विद्यालय चिकली व अचनारा विद्यालय की चारदीवारी भी गिर गई।
वनपुरा. लगातार बारिश से क्षेत्र में कई मकान गिर चुके हैं। इसके चलते वनपुरा गांव में भी श्याम लाल पिता कनीराम मीणा का कैलू पोस मकान गिर गया है। इससे श्यामलाल को कई नुकसान हुआ है। मकान में रखा कुछ सामान भी बारिश में भीग गया।मकान की छत पर लगे कैलू भी टूट चुके। इससे श्यामलाल को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है।
पानमोड़ी. गांव में बारिश की वजह से कई मकान छतिग्रस्त हो गए है। कई लोग अपने मकान छोड़ कर दूसरे मकान में रहने को मजबूर है। गांव के अधिकांश कच्चे मकान गिर गए। इससे गांव के सचिव लक्ष्मण मीणा तथा सहायक सचिव आशीष नागदा ने गांव में नुकसान का जायजा लिया।
सरीपिपली(बारावरदा). ग्राम पंचायत जाखम नदी के केचमेंट एरिया में भारी बारिश होने की वजह से जाखम नदी विकराल रूप धारण किए हुए बहरही है। इससे आसपास के गरीब किसानों के खेतों की फसलें बरबाद हो गई। ग्राम पंचायत सरिपिपली में अतिवृष्टि होने से मक्का, सोयाबीन और उड़द की फसलें गल कर नष्ट हो चुकी। किसानों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर फसल खराबे का सर्वे करवाने की मांग की। सरीपिपली ग्राम पंचायत में जाखम नदी का स्तर 8 दिन से नहीं उतर रहा है। पानी जिससे आवागमन हो रहा है बाधित कहीं गांव का संपर्क टूटा जनजीवन अस्त-व्यस्त आज भी नदी के ऊपर पानी जा रहा है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत लोहारिया के ग्रामीणों ने सरपंच को फसल खराबे से हुए नुकसान की गिरदावरी कराकर मुआवजा दिलाने की मांग की।
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