रावण की काटी नाक, बरसाई गोलियां प्रतापगढ़ जिले में रावण दहन की अनूठी परम्पराएं
रावण की काटी नाक, बरसाई गोलियांप्रतापगढ़ जिले में रावण दहन की अनूठी परम्पराएं
रावण की काटी नाक, बरसाई गोलियां प्रतापगढ़ जिले में रावण दहन की अनूठी परम्पराएं
रावण की काटी नाक, बरसाई गोलियां
प्रतापगढ़ जिले में रावण दहन की अनूठी परम्पराएं
प्रतापगढ़
जिलेभर में दशहरा का पर्व मंगलवार को मनाया गया। इस मौके पर कई जगह अनूठे ढंग से रावण दहन किए गए। खेरोट में गोलियों से रावण के पुतले का छलनी किया गया। वहीं झांसड़ी गांव में रावण के स्टैच्यू पर तलवार से नाक काटने की परम्परा निभाई गई।
जिले के खेरोट में दशहरे पर रावण को बंदूकों की गोलियों से छलनी किया गया। गांव के आदर्श राजकीय उच्य माध्यमिक विद्यालय परिसर में रावण के मिट्टी व पत्थर आदि से स्टेच्यू का निर्माण किया गया। गांव के के.वी. व्यास ने बताया कि आठ फीट का मिट्टी, पत्थर का स्टैच्यू बनाया गया। शाम को राम मंदिर से झांकी निकाली गई। यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। ग्रामीणों के अनुसार जहां पर रावण का पुतला बनाया जाता है, वहां पहले लोग फसलें काटकर ढेर लगाते थे। फसल को आग नहीं लगे, इसलिए रावण को जलाते नहीं है, गोलियों से मारते है। क्षेत्र के लाइसेंसी बन्दूक धारियों द्वारा रावण को छलनी किया जाता है। यहां शाम को रावला मंदिर से ठाकुरजी रथ में विराजमान होकर रावण के वध के लिए निकले। जो स्कूल परिसर में पंहुचा।
यहां भगवान राम के भाले से रावण की नाक काटी गई। इसके बाद रावण पर गोलियां बरसाई गई। यहां रावण की पूजा आरती भी की गई। राम-रावण के दो गुटों में अलग-अलग खड़े होकर लोगों ने चौपाइयों में वाद-संवाद भी किया। दोनों गुटों ने अपने खूब जयकारे लगाए। उसके बाद ग्रमीणों द्वारा बन्दुक की गोलियों से छलनी किया गया। यह नजारा देखने जनसैलाब उमड़ा। खेरोट सहित कई गांवों से लोग पहुंचे।
निकटवर्ती झांसड़ी में विद्यालय के पास रावण के प्रतीक के रूप में सीमेंट के स्टेच्यू पर नाक काटने की परम्परा निभाई गई। गांव के तेजपाल पणियां, संचाई के शिवसिंह, अर्जुनसिंह, महेन्द्रसिंह, हर्षसिंह ने बताया कि गांव में शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद यहां बनाए गए रावण के स्टैच्यू पर राम-रावण बने कलाकारों के बीच संवाद हुआ। तलवार से रावण के नाभी में वार किया और नाक काटी गई। इस मौके पर कई गांवों से लोगों ने भाग लिया।
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