नई SUV लॉन्च करेगी Fiat Chrysler, भारत में करेगी भारी निवेश
फिएट क्रिसलर ने की बड़ी घोषणा, देश मे नई एसयूवी लॉन्च करने की योजना।
भारतीय इकाई में 250 मिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश की घोषणा की।
कंपनी स्थानीय स्तर पर निर्मित पुर्जों को लगाएगी अपने वाहनों में।
Fiat Chrysler to launch new SUVs and invest USD 250 million in India
नई दिल्ली। फिएट क्रिसलर ऑटोमोबाइल्स एनवी (एफसीए) ने मंगलवार को कहा कि वह आने वाले दो वर्षों में अपने जीप ब्रांड के तहत चार नए स्पोर्ट-यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) की लॉन्चिंग करेगी। इसके साथ ही कंपनी भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए 250 मिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश करेगी।
कार चालकों के लिए काम की वो 7 बातें, जिन्हें हमेशा करेंगे फॉलो तो हर सफर रहेगा सुहाना एफसीए द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि देश में जीप रैंगलर और जीप चेरोकी वाहनों को असेंबल करने और अपनी जीप कंपास एसयूवी के एक नए संस्करण को लॉन्च करने के साथ ही स्थानीय स्तर पर मिड-साइज, तीन-पंक्ति वाली एसयूवी का निर्माण करने के लिए यह निवेश किया जाएगा।
वैसे, वर्तमान में एफसीए के पास भारत के यात्री वाहन बाजार का 1 फीसदी से भी कम हिस्सा है। अपने पोर्टफोलियो में नए वाहनों को जोड़ने से ऑटोमेकर को कंपोनेंट्स की स्थानीय सोर्सिंग को बढ़ाने, लागत कम करने और बिक्री बढ़ाने में मदद करने की उम्मीद है।
एफसीए इंडिया के प्रबंध निदेशक पार्थ दत्ता ने इस बयान में कहा, “250 मिलियन डॉलर के हमारे नए निवेश से हमें कई क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी।” उन्होने कहा कि कंपनी अपने वाहनों में स्थानीय रूप से निर्मित पुर्जों को लगाने के लिए प्रतिबद्ध है।
आलम यह है कि जापान की होंडा मोटर कंपनी को देश में अपने दो प्लांट्स में से एक को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है, और जनरल मोटर्स ने 2017 में घरेलू बिक्री को बंद करने के बाद पिछले महीने भारत में निर्यात के लिए की जा रही कारों का उत्पादन बंद कर दिया।
एफसीए पश्चिमी भारत में अपने कार प्लाट में नई एसयूवी का उत्पादन और असेंबलिंग करेगी, जो कि घरेलू वाहन निर्माता टाटा मोटर्स के साथ संयुक्त रूप से संचालित है। वहीं, एफसीए की तीन-पंक्तियों वाली एसयूवी का मुकाबला फोर्ड मोटर की एंडेवर और टोयोटा मोटर की फॉर्च्यूनर एसयूवी से होने की उम्मीद है।
इस ताजा घोषणा के साथ भारत में FCA का कुल निवेश 700 मिलियन अमरीकी डॉलर से ज्यादा हो गया है, जिसमें नए वैश्विक तकनीकी केंद्र में 150 मिलियन डॉलर भी शामिल है।