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वायनाड से चुनावी मैदान में राहुल गांधी, क्‍या भाई के लिए प्रियंका दोहरा पाएंगी 1999 वाला जादू?

प्रियंका गांधी भाई को जिताने में निभा सकती हैं अहम भूमिका
वायनाड सीट पर राहुल गांधी के लिए कर सकती हैं चुनाव प्रचार
20 साल पहले एक ही झटके में सुषमा के जादू को कर दिया था बेअसर

Apr 04, 2019 / 02:30 pm

Dhirendra

rahul-priyanka

वायनाड से चुनावी मैदान में राहुल गांधी, क्‍या प्रियंका भाई के लिए दोहरा पाएंगी 1999 वाला जादू?

नई दिल्ली। इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में अमेठी के अलावा केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। वह गुरुवार को बतौर प्रत्याशी यहां से पर्चा दाखिल करेंगे। इस दौरान उनके साथ पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी , कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता व भारी संख्‍या में कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।
नामांकन दाखिल करते समय प्रियंका गांधी की मौजूदगी से इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्‍या कांग्रेस महासचिव अपनी मां (सोनिया गांधी ) की तरह भाई राहुल गांधी की वायनाड से जीत सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएंगी? हालांकि इस बारे में पार्टी की ओर से अभी तक किसी भी नेता ने कुछ नहीं कहा है।
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वेलापल्‍ली को उतारकर भाजपा ने पेश की चुनौती

दूसरी तरफ वायनाड से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से भाजपा नेताओं की सक्रियता भी काफी बढ़ गई है। भाजपा ने सहयोगी पार्टी भारत धर्म जन सेना ( बीडीजेएस) के तुषार वेल्लापल्ली को वहां से उम्मीदवार बनाया है। इससे साफ है कि भाजपा वेलापल्‍ली को जिताने में पूरी ताकत झोंकने का काम करेगी। यही कारण है कि राजनीतिक विश्‍लेषक यह मानकर चल रहे हैं कि वायनाड में मामला कांटे का होने पर प्रियंका गांधी को भाई के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतारा जा सकता है।
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प्रियंका में है इंदिरा वाला जादू

माना जाता है कि जिस तरह इंदिरा गांधी अपने ओजस्‍वी भाषण से जनता को अपनी ओर खींच लेती थीं वैसा ही असर प्रियंका गांधी के भाषण और रोड शो का लोगों पर होता है। यही वजह है कि लोग उनमें इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं। बहुत हद तक उनका लुक और पहनावा भी वैसा ही है, जिसकी वजह से लोग उनकी तुलना दादी इंदिरा गांधी से करते हैं।
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सोनिया को जिताने में निभाई थी अहम भूमिका

दरअसल, जनवरी में कांग्रेस की महासचिव बनी प्रियंका गांधी ने 1999 में बेल्लारी संसदीय सीट पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का जादू मिनटों में खत्म कर दिया था। ऐसा उनके एक रोड शो और भाषण कला की वजह से हुआ था। इसका लाभ कांग्रेस को मिला और सोनिया गांधी चुनाव हारते-हारते जीत गईं। यूपीए अध्‍यक्ष सोनिया गांधी सुषमा स्‍वराज को करीब 56 हजार मत से मात देने में सफल हुईं थीं। 1999 में सोनिया की इस जीत का क्रेडिट प्रियंका गांधी को मिला था।
20 साल पहले प्रियंका ने कर दिया था सुषमा को बेअसर

गौरतलब है कि 1999 में बेल्लारी सीट से यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाव लड़ा था। भाजपा ने सोनिया गांधी को बेल्‍लारी सीट पर मात देने के लिए सुषमा स्‍वराज को प्रत्‍याशी बनाया था। उस समय चुनावी फिजा को वर्तमान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कन्नड़ में भाषण देकर अपने पक्ष में कर लिया था। माना जाने लगा था कि सोनिया गांधी हार जाएंगी, लेकिन ऐन मौके पर प्रियंका गांधी ने एक रोड शो कर चुनावी तस्वीर बदल दी थी। इसका असर यह हुआ कि सोनिया गांधी 56 हजार वोटों से चुनाव जीत गईं। जानकारों का कहना है कि 20 साल बाद एक बार फिर प्रियंका गांधी वही भूमिका वायनाड से भाई राहुल गांधी की जीत सुनिश्चित करने में निभा सकती हैं।

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