खास बात यह है कि अब तक ममता बनर्जी के खिलाफ किसी भी दल अपना उम्मीद नहीं उतारा है। कांग्रेस जहां इस सीट से दूरी बनाने की निर्णय ले चुकी है, वहीं बीजेपी ने भी अब तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
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West Bengal: अर्जुन सिंह के घर पर हुए हमले के बाद केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, BJP के 61 नेताओं की हटाई सुरक्षा ममता भवानीपुर से दो बार पहले चुनाव जीत चुकी हैं। लेकिन सीएम पद पर बने रहने के लिए ममता बनर्जी के लिए यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वह नंदीग्राम में सुवेंदु अधिकारी से चुनाव हार गई थीं।
चुनाव आयोग ने इस महीने की शुरुआत में पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा की है। इनमें से एक है भवानीपुर सीट ये सीट ममता बनर्जी की पारंपरिक सीट है। ऐसे में ये माना जा रहा है कि उनकी जीत लगभग तय है।
हालांकि बीजेपी लगातार ये संकेत दे रही है कि वो इतनी आसानी से ममता बनर्जी को जीतने नहीं देगी। इसके लिए बीजेपी लगाता रणनीति बनाने में जुटी है। ममता बनर्जी के खिलाफ बीजेपी कई बड़े नामों पर मंथन भी कर रही है। वहीं दूसरी ओर नंदीग्राम में ममता को हराने वाले शुभेंदु अधिकारी भी लगातार ममता बनर्जी पर तंज कर रहे हैं।
शुभेंदु ने ममता बनर्जी के प्रचार अभियान की शुरुआत के दौरान भी कहा था कि अगर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व उन्हें भवानीपुर से लड़ने के लिए कह देगा तो फिर क्या होगा?
यह भी पढ़ेंः West Bengal: बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह के घर पर फेंके गए पेट्रोल बम, जानिए क्या बोले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ये है गाइडलाइन उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने नामांकन से पहले और बाद के जुलूस पर प्रतिबंध लगाए हैं। यही नहीं प्रचार के लिए बाहरी स्थानों पर 50 फीसदी लोगों की मौजूदगी हो सकेगी, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त दलों के लिए अधिकतम 20 स्टार प्रचारक होंगे, जबकि वोटिंग खत्म होने से पहले 72 घंटे के दौरान प्रचार पर पाबंदी रहेगी।