अफगानी शरणार्थियों से मुलाकात के बाद बोले जेपी नड्डा, लागू किया जाएगा CAA, NRC पश्चिम बंगाल में छात्र अपना विरोध जताने के लिए बड़ी संख्या में शहर के बीच एकत्रित हुए। वहीं, प्रमुख राजनीतिक दल तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वाम दलों ने भी कोलकाता व अन्य जिलों में सभाएं की और जुलूस निकाले। विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्र अलग-अलग बैनर पकड़े और तिरंगा लेकर मध्य कोलकाता के रामलीला मैदान में इकट्ठे हुए। कई लोगों की कमीज पर लिखा था, ‘नो कैब’, ‘नो एनआरसी’।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, जिन्होंने कोलकाता और हावड़ा में पिछले तीन दिनों में बड़े पैमाने पर मार्च का नेतृत्व किया, रानी रश्मोनी रोड पर एक बैठक को संबोधित किया।
अमित शाह की दो टूक- जितना चाहे विरोध करें, मोदी सरकार CAA लागू करने के लिए दृढ़ यहां मौजूद तृणमूल कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भीड़ को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “अचानक आजादी के 73 वर्ष बाद हमें यह साबित करना पड़ेगा कि हम भारत के नागरिक हैं। उस वक्त भाजपा के मुखिया और कार्यकर्ता कहां थे, भाजपा देश का बंटवारा कर रही है। आप अपना विरोध मत रोकिए क्योंकि हमें CAA को हटाना है।”
ममता बनर्जी ने आगे कहा, “कितने लोग नागरिकता संशोधन अधिनियम के पक्ष और खिलाफ हैं, यह देखने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग या संयुक्त राष्ट्र जैसे निष्पक्ष संगठन से जनमत संग्रह करवा लिया जाए।”
कुल 17 वाम दलों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ रामलीला मैदान से दक्षिण कोलकाता में पार्क सर्कस तक एक बड़ी रैली बुलाई है। सीएए और एनआरसी के खिलाफ पिछले शुक्रवार से पश्चिम बंगाल में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं, जिसने प्रदेश को हिलाकर रख दिया है।
प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों, रेलवे स्टेशनों और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, वहीं प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रमुख राजमार्गों को भी अवरुद्ध कर दिया गया, जिससे आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।