बांध का जलस्तर सामान्य बनाए रखने के लिए बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इससे बांध के जलबहाव क्षेत्रों में कावेरी का जलस्तर तेज बना हुआ है। वहीं, पिछले कुछ दिनों के दौरान कोडुगू और तटीय कर्नाटक में हुई तेज बारिश के कारण एक बार फिर कावेरी में जलप्रवाह बढऩे की संभावना है जिससे बांध में पानी का अंतर्वाह और ज्यादा बढ़ सकता है। अगर बांध से ज्यादा पानी छोड़ा गया तो आने वाले दिनों में निचले इलाकों में बाढ़ जैसी नौबत भी आ सकती है।
केआरएस के लबालब रहने से कावेरी तटबंध के किसानों को राहत मिली है। इस वर्ष गन्ने और धान की फसलों को बारिश के साथ ही सिंचाई से भी पर्याप्त पानी मिलने की उम्मीद है। साथ ही आने वाली गर्मी में बेंगलूरु, मैसूरु, मंड्या आदि कावेरी पर निर्भर जिलों में जलापूर्ति का संकट भी नहीं होना चाहिए।