प्रदेश अध्यक्ष पद में बदलाव पर चर्चा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, कड़ी मेहनत और उपलब्धियों को पार्टी नेताओं द्वारा हमेशा पहचाना जाएगा और उचित रूप से पुरस्कृत किया जाएगा। मीडिया में खुलेआम पद की मांग कौन करता है? यह मेरे लिए नया है।
उन्होंने कहा कि अगर राज्य में पार्टी में कुछ नया होगा, तो वे खुद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर इसकी घोषणा करेंगे। अब प्राथमिकता पार्टी को संगठित करना और इसे मजबूत बनाना है। प्रदेश प्रभारी महासचिव और मुख्यमंत्री पहले ही पार्टी में सभी को अनुशासित रहने की सलाह दे चुके हैं।
उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदरूनी मामलों पर मीडिया के सामने चर्चा नहीं होनी चाहिए। किसी भी मुद्दे या चिंता पर निजी तौर पर एआईसीसी अध्यक्ष राहुल गांधी, मुख्यमंत्री या प्रदेश अध्यक्ष से चर्चा होनी चाहिए। चाहे कोई भी राजनीतिक दल हो, अंदरूनी मामलों पर पार्टी फोरम में चर्चा होनी चाहिए। सार्वजनिक बयानबाजी से नुकसान ही होता है।
इतिहास की घटनाओं को याद रखें
उन्होंने कहा कि अकेले उनके के योगदान से ही पार्टी सत्ता में नहीं आई। पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं ने हम पर विश्वास करते हुए पार्टी को सत्ता में पहुंचाया। हमारी पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं की पार्टी है। पार्टी आगे बढ़ती रहेगी, चाहे कोई व्यक्ति इसमें शामिल हो या नहीं। शिवकुमार ने कहा कि महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाने के बाद सत्ता छोड़ दी। आंबेडकर ने हमें संविधान दिया, लेकिन सत्ता की इच्छा नहीं की। हमें इतिहास की इन सभी घटनाओं को याद रखना चाहिए।
पार्टी किसी भी चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण
शिवकुमार ने कहा कि पार्टी किसी भी चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर किसी को कोई चिंता है, तो वे उसे हाईकमान के सामने उठाएं। उन्होंने कहा, हम इस समय बेलगावी में जय बापू-जय भीम-जय संविधान सम्मेलन में व्यस्त हैं। सम्मेलन की तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए एआईसीसी महासचिव रणदीप सुरजेवाला शुक्रवार को बेलगावी आएंगे। अगर किसी को कोई चिंता है तो वह उनसे इस पर चर्चा कर सकता है।