तेजस्वी ने फेसबुक पर कही दिल की बात, नीतीश सरकार पर साधा निशाना
Social Media पर एक्टिव हुए RJD Leader Tejashwi yadav
Facebook Post के जरिये Nitish Govt पर साधा निशाना
बुनिया सुविधाओं से लेकर कानून व्यवस्था पर किया प्रहार
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ( RJD leader tejashwi yadav ) कई दिनों पर सोशल मीडिया पर एक्टिव हुए हैं। खास बात यह है कि तेजस्वी ने एक्शन में आते ही नीतीश सरकार ( nitish govt ) पर रिएक्शन दिया है। तेजस्वी यादव ने अपने फेसबुक एकाउंट से दिल की बात की।
अपने पोस्ट में तेजस्वी ने लिखा कि जिस देश या राज्य की आबादी का जितना प्रतिशत गरीबी और हाशिए के अंतिम पायदान पर खड़ा होता है उस राज्य के लिए एक संवेदनशील सरकार का होना उतना ही आवश्यक होता है।
बिहार एक ऐसा ही राज्य है जिसकी बहुसंख्यक आबादी की आय राष्ट्रीय औसत से कम है और यह तब है जब लगभग पिछले 14 वर्षों से ऐसी सरकार रही है जो अपने आप को सुशासन या डबल इंजन की सरकार कहने से नहीं अघाती!
दिल्लीवासियों को आज से 200 यूनिट बिजली फ्री तेजस्वी यादव ने लंबे पोस्ट के जरिये जमकर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने आगे लिखा प्रदेश में रोजगार के मौके तो नदारद हैं ही साथ ही उद्योग धंधे और पूंजी निवेश भी बेहाल हैं।
शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी आधारभूत सुविधाएं भी लोगों के लिए मुश्किल हो गई हैं। जीवन स्तर सहारा अफ्रीका से भी बदतर हो गया है। तेजस्वी यादव ने बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था के जरिये भी नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने सरकार के बर्ताव को लेकर भी नसीहत दे डाली। तेजस्वी ने कहा कि प्रदेश की जनता के प्रति सरकार का व्यवहार ऐसा होना चाहिए जैसा किसी मां का संतान के प्रति होता है।
जैसे मां अपने बच्चे का दर्द समझती है उसके भविष्य की चिंता करती है वैसे ही सरकार को भी जनता के कल का विचार करना चाहिए। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही तेजस्वी यादव काफी कम सामने आए हैं। पिछले दिनों उन्होंने रांची स्थित रिम्स अस्पताल में पिता लालू प्रसाद यादव से बात की।
यही नहीं लंबे समय बात तेजस्वी यादव सोशल मीडिया पर सक्रिय नजर आए। हालांकि सक्रिय होते ही उन्होंने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना भी साधा। चरमराती व्यवस्था, मदमस्त अफ़सर व सरकार और दोनों के बोझ तले कराहती जनता! इसी तरह लू की चपेट में भी आकर २०० से अधिक नागरिकों ने अपने प्राण गँवा दिए!
सरकारी अस्पताल बेहतर इलाज देने तक की स्थिति में नहीं! हर साल राज्य में कुछ क्षेत्र सूखाग्रस्त रह जाते हैं और कुछ बाढ़ की चपेट में आकर आम जनजीवन को अस्त व्यस्त कर देते हैं।