यह स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है कि यह बैठक कांग्रेस को मुक्त करने के लिए आयोजित की जा रही है, न कि भाजपा को। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस बात की वकालत कर रहे थे कि पंजाब और दिल्ली के चुनाव में कांग्रेस की नहीं चलेगी। केसीआर तेलंगाना चुनाव नहीं कराने की भी वकालत कर रहे हैं।
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि ये क्षेत्रीय दल भारत को कांग्रेस के नियंत्रण से मुक्त करने का प्रयास कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जोर देकर कह रहे हैं कि वे चुनाव में 80 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस को उनका समर्थन करना चाहिए। अब यह कांग्रेस को तय करना है कि वो कांग्रेस मुक्त भारत चाहती है या क्या चाहती है। पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक होनी है, जिसमें 15 से ज्यादा पार्टियों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।