इस मामले में सुनवाई शुरू होने के बाद जस्टिस बोबड़े ने कहा है कि हम पहले की घटनाओं को नहीं बदल सकते। साथ ही कहा कि ये मामला सिर्फ जमीन से नहीं जुड़ा है बल्कि लोगों की भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है।
बता दें कि 26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह अगली सुनवाई में यह फैसला करेंगे कि इस मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा जाए या नहीं। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने सुझाव दिया था कि दोनों पक्षकार बातचीत का रास्ता निकालने पर विचार करें। अगर बातचीत की थोड़ी बहुत गुंजाइश भी है तो उसका प्रयास होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दोनों पक्ष इस मामले में अदालत को अपने विचार से अवगत कराए।