वहीं शिव सैनिक और बालासाहेब ठाकरे हिंदुओं के पक्ष में खड़े थे और उन्हें शिव सैनिकों पर गर्व था, जिन्होंने बाबरी को तोड़ा था। बता दें कि संजय राउत ने एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की है। दरअसल, राउत ने महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल के उस दावे पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने छत्रपति शिवाजी को हिंदू वोट बैंक बनाने वाला पहला व्यक्ति बताया था।
संजय राउत ने कहा कि मुझे नहीं पता कि छत्रपति शिवाजी ने पहला हिंदू वोट बैंक बनाया था, लेकिन मैं जानता हूं कि उन्होंने देश में पहला हिंदवी स्वराज स्थापित किया था। शिवसेना नेता ने आगे कहा कि छत्रपति शिवाजी की शिक्षाओं का पोषण बालासाहेब ठाकरे ने और इससे पहले वीर सावरकर ने महाराष्ट्र और देश भर में किया था।
शिवसेना सांसदों को किया गया था निलंबित
इस दौरान संजय राउत ने अयोध्या में हुए बाबरी विध्वंस और महाराष्ट्र विधानसभा उपचुनावों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बालासाहेब ने पहली बार यह प्रदर्शित किया था कि देश में एक हिंदू वोट बैंक मौजूद है और यह सुनिश्चित करता है कि हिंदू धर्म के नाम पर अपना वोट दें। वहीं शिवसेना के विधायकों द्वारा किए गए एक दावे के बाद उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था। बता दें कि विधायकों ने कहा था कि उन्होंने हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव में जीत हासिल की है।
जब ये सब हो रहा था तो भाजपा का कही नाम भी नहीं था। संजय राउत ने कहा कि मुझे याद भी नहीं है कि किसी बीजेपी के नेता पर इस तरह की कोई कार्रवाई हुई हो। बालासाहेब ने हमें डरना नहीं सिखाया, हम तब भी मजबूती से खड़े थे और आज भी हैं। जबकि बीजेपी का हिंदुत्व चुनाव और मंदिरों तक ही सीमित है।