उन्होंने एनएनआई को दिए बयान में कहा कि चंदा देने को लेकर एक महिला सहित तीन लोग मेरे घर पर आए। उन्होंने मुझे धमकी दी कि मैं राम मंदिर निर्माण के लिए पैसा क्यों नहीं दे रहा हूं। यह देश का बड़े कार्यक्रमों में से एक है। आप पैसे क्यों नहीं दे रहे हो। उन्होंने पूछा कि क्या इस तरह के लोग मेरे घर पर आने और चंदा न देने को लेकर पूछताछ करने के लिए अधिकृत हैं।
पता तो चले कि पारदर्शित है या नहीं पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि मुझे पैसे के योगदान की चिंता नहीं हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए आवश्यकता पड़ने पर मैं चंदा दे सकता हूं। सवाल यह है कि वास्तव ये जानकारी तो मिले कि राम मंदिर निर्माण के लिए कौन पैसा दे रहा है। पैसा किसे दिया जाना है। क्या पैसा इकट्ठा करने में पारदर्शिता बरती जा रही हैं? ऐसा इसलिए कि कई लोग दूसरों को धमकी देकर पैसा इकट्ठा कर रहे हैं।