Indian Army को मिला शक्तिशाली drone ‘Bharat’, LAC पर Chinese Activities पर रखेगा नजर
राजस्थान में सियासी भंवर में फंसी कांग्रेस सरकार को निकालने के लिए पायलट को समझाने और सुलह की तमाम कोशिश विफल होती दिख रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नजदीकी व वरिष्ट नेता ने कहा कि पायलट से कई बार समझाइश की गई है। इसके बावजूद वह एक साल के लिए मुख्यमंत्री बनने की मांग पर अड़े हुए हैं। इसका वादा कांग्रेस आलाकमान ने करने से इंकार कर दिया है। ऐसे में राहुल का केन्द्र पर हमला बोलना साफ संकेत दे रहा है कि अब बातचीत का वक्त बीत गया है। कांग्रेस के अधिकांश बड़े नेता पहले बातचीत कर पायलट को पार्टी में रखने की वकालत कर रहे थे। यही वजह है कि राहुल ने राजस्थान को लेकर कोई बयान नहीं दिया था।
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-केन्द्र में खेल सकते हैं लंबी पारी
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, अहमद पटेल, पी.चिदंबरम समेत अन्य नेताओं ने पायलट को समझाया था कि वह युवा है और सियासत में उन्हें लंबी पारी खेलनी है। केन्द्र में रहकर उन्हें अच्छा मौका मिल सकता है। कांग्रेस आलाकमान उन्हें केन्द्रीय संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देने को भी तैयार थी।
-होटल व भाजपा से बातचीत पर ऐतराज
पायलट के समर्थक विधायकों का हरियाणा की भाजपा सरकार के संरक्षण में होटल में ठहरने के साथ पर्दे के पीछे भाजपा नेताओं से बातचीत पर कांग्रेस नेताओं का खासा ऐतराज है। कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे और कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला व अजय माकन इस बारे में कह भी चुके हैं। इन नेताओं ने कई बार पायलट से हरियाणा सरकार के संरक्षण से बाहर आकर बातचीत का न्यौता दिया। साथ ही पायलट के लिए पैरवी करने वाले वकीलों के भाजपा से जुड़े होने का आरोप लगाए गए।
-एक तरफ बात, दूसरी ओर हमला
दिल्ली में जहां कांग्रेस आलाकमान की ओर से संकट सुलझाने के लिए भेजे गए नेता पायलट से बातचीत का रास्ता खुले रहने की बात कर रहे हैं। इसी दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से पायलट पर तीखे हमले किए जा रहे थे। कांग्रेस सूत्रों ने इसे पार्टी की रणनीति बताया है। कांग्रेस का मानना है कि पायलट पार्टी से दूर जा चुके हैं। ऐसे में उनकी वापसी की उम्मीद बेहद कम है। पार्टी पायलट को यह भी मौका नहीं देना चाहती कि वह यह कह सके कि उन्हें बातचीत का मौका नहीं दिया गया।
-पायलट की चुप्पी
पायलट ने अब तक इस सियासी घटनाक्रम पर ज्यादा कुछ नहीं बोला है। उन्होंने अब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराजगी और भाजपा में नहीं जाने की बात कहीं है। इसके साथ ही खुद पर सरकार तोडऩे के आरोप को बेबुनियाद बताया है। इसके अलावा भाजपा नेताओं से बातचीत, कांग्रेस से मुख्यमंत्री पद की मांग रखने जैसे सवाल फिलहाल बने हुए हैं।