नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार देर रात तीन तलाक बिल को मंजूरी दे दी। इसी के साथ तीन तलाक बिल अब प्रभावी हो गया है। मुस्लिम महिला ( विवाह अधिकार संरक्षण ) अधिनियम 2019 मंगलवार को राज्यसभा में पास हो गया था। इससे पहले लोकसभा में मुस्लिम महिलाओं से एक साथ तीन तलाक को अपराध करार दिया गया था।
मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण अधिनियम को 19 सितंबर, 2018 से लागू माना जाएगा। तीन तलाक बिल ( Triple Talaq Bill ) में आरोपी पति को 3 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है।
अध्यादेश का स्थान लेगा तीन तालक बिल बुधवार देर रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ( President Ramnath Kovind ) से मंजूरी मिलने के साथ ही मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण अधिनियम तीन तलाक ( Triple Talaq bill ) को लेकर 21 फरवरी को जारी अध्यादेश की जगह ले ली है।
मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में लोकसभा से इसे पास करा लिया था लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं रहने के चलते यह बिल वहां लटक गया था। मंगलवार को राज्यसभा से भी इस बिल को पास कराने में सरकार कामयाब हो गई। राज्यसभा में बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े थे।
एनडीए के सहयोगी दलों ने निभाई अहम भूमिका बता दें कि मंगलवार को राज्यसभा में बीजू जनता दल ( BJD ) के समर्थन और सत्तारूढ़ NDA के सहयोगी जेडीयू एवं एआईएडीएमके के वाकआउट के चलते सरकार ऊपरी सदन में इस बिल को पारित कराने में सफल हुई थी।
टीआरएस एवं वाईएसआर कांग्रेस के कई सदस्यों के सदन में उपस्थित न रहने के कारण सरकार को इसे पास कराने में मदद मिली थी। इससे पहले बिल ( Triple Talaq bill ) को विपक्ष की ओर से इस बिल को सेलेक्ट कमिटी के पास भेजने का प्रस्ताव भी 100 के मुकाबले 84 वोटों से गिर गया था।