बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र विधान परिषद (MLC) में 12 विधायकों की नियुक्ति रोकने के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshiyari) के फैसले के खिलाफ शिवसेना (यूबीटी) द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है।
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने फैसला सुनते हुए कहा, “पीआईएल याचिका गलत है और खारिज किए जाने योग्य है। इसलिए जनहित याचिका खारिज की जाती है।“ हाईकोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में इस याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था।
2022 में उद्धव ठाकरे नीत एमवीए सरकार के तख्तापलट के बाद एकनाथ शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री बने और तब उनकी सरकार ने कथित तौर पर राज्यपाल को पत्र लिखा कि वे पिछली सरकार द्वारा एमएलसी के लिए दिए गए 12 नामों की लंबित सूची को वापस ले रहे हैं। 5 सितंबर 2022 को राज्यपाल ने इसे स्वीकार कर लिया और सूची मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को वापस कर दी गई।
इसके बाद कैबिनेट ने राज्यपाल कोटे के 12 रिक्त एमएलसी पदों के लिए सात एमएलसी की नई सूची भेजी, जिसे राज्यपाल ने मंजूरी दे दी। इसमें बीजेपी के तीन, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) के दो-दो एमएलसी शामिल थे।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने से कुछ घंटे पहले अक्टूबर 2024 में उन सात एमएलसी को शपथ दिलाई गई।