यूपीए का नेतृत्व
राहुल गांधी के नेतृत्व की सीमाओं को महसूस करने के बाद कुछ नेता मांग कर रहे हैं कि शरद पवार यूपीए का नेतृत्व करें। महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी के एक साथ आने के बाद से इस चर्चा ने रफ्तार पकड़ ली है। शिवसेना नेता संजय राउत ने मांग की है कि शरद पवार को यूपीए का नेतृत्व करना चाहिए। यह एक बड़ा मुद्दा है जिस पर प्रशांत किशोर और शरद पवार के बीच चर्चा हो सकती है।
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भाजपा की वर्तमान स्थिति
पिछले तीन-चार सालों से बीजेपी ने पश्चिम बंगाल को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। ममता के खिलाफ केंद्रीय मंत्री, सांसद और संघ के स्वयंसेवक खड़े हुए थे। फिर भी वे ममता को हरा नहीं पाए। इसका मतलब यह हुआ कि मोदी-शाह को जो गणित मिलेगा, वह अब नहीं रहा। इसलिए माना जा रहा है कि बीजेपी की कमजोर कड़ियां और उनकी ताकत पर चर्चा हो सकती है।
महाराष्ट्र की राजनीति
सूत्रों की माने तो शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस को महाराष्ट्र का राजनीतिक मॉडल माना जा रहा है। इस मॉडल में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना अलग हो गई। वहीं विपक्षी कांग्रेस में विलय हो गई। इसलिए महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर प्रशांत किशोर और शरद पवार के बीच चर्चा हो सकती है।
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कई पार्टियों के लिए कर चुके काम
आपको बता दें कि प्रशांत किशोर अब तक नरेंद्र मोदी, जगन मोहन रेड्डी, कैप्टन अमरिंदर सिंह, ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे की पार्टी के लिए बतौर चुनावी रणनीतिकार काम कर चुके हैं। पश्चिम बंगाल में प्रशांत किशोर की रणनीति की वजह से तृणमूल कांग्रेस को 200 से अधिक सीटें मिलीं थीं। चुनाव परिणाम के दिन ही पीके ने चुनाव प्रबंधन के काम से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। ऐसे में अब उनकी शरद पवार से मुलाकात को लेकर कई प्रकार के कयास लगाए जा रहे है।