यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब होता है कि भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा।
कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने राज्य से जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून को खत्म करने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले पर बवाल भी शुरू हो चुका है। BJP और हिंदू संगठन इस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया है।
सरकार के इस फैसले के बाद भाजपा कांग्रेस को हिंदू विरोधी बता रही है। भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देना चाहती है। वो उन लोगों को लाइसेंस दे रही है जो धर्मांतरण करा रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कहा कि मैंने संत गणों से अनुरोध किया है कि हिंदू समाज की रक्षा करना आपकी जिम्मेदारी है। आप महापंचायत कर कांग्रेस के इस निर्णय के खिलाफ संघर्ष करें।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सिद्धारमैया सरकार के इस फैसले की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस सरकार प्रदेश की जनता के हितों से खिलवाड़ कर रही है। बोम्मई ने कहा कि ऐसा लगता है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री अपने आलाकमान के पक्ष में लोगों के हितों को खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने पूछा, ‘हमारे समाज में व्याप्त धर्मांतरण विरोधी विधेयक को रद्द करने का निर्णय लेने से सरकार किसे खुश कर रही है?’
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विश्व हिंदू परिषद ने किया प्रदर्शनवहीं, सरकार के इस फैसले के बाद बीजेपी के अलावा विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वीएचपी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने शुक्रवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में कांग्रेस सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में विरोध प्रदर्शन किया गया। विहिप के प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और हिंदू समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए धर्मांतरण विरोधी कानून को जारी रखने की मांग की।