एक तरफ मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ( Governor Lalji Tandon ) ने फ्लोर टेस्ट का आदेश दे रखा है तो दूसरी तरफ विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ( Speaker NP prajapati ) ने इसे लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार-सोमवार की दरमियानी रात को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। राज्यपाल से मुलाकात के बाद कमलनाथ फ्लोर टेस्ट के लिए तो तैयार दिखे, लेकिन उन्होंने फ्लोर टेस्ट के लिए एक शर्त रखी है कि कांग्रेस पार्टी के ‘बंधक’ बनाए गए विधायकों को छोड़ा जाए। कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को बताया है कि विधायक स्वतंत्र होकर आएं तो फ्लोर टेस्ट कराने में हमें कोई आपत्ति नहीं है।
जम्मू-कश्मीर: अमित शाह ने कहा- पाबंदियों में छूट किसी के दबाव में नहीं, बहुत जल्द रिहा किए जाएं जानकारी के मुताबिक राजभवन से रात 12 बजकर 20 मिनट पर बाहर निकलते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उन्हें राज्यपाल का फोन आया था। विधानसभा शांतिपूर्वक चले इसको लेकर हमारी चर्चा हुई है। सीएम कमलनाथ ने कहा कि मैं भी यह चाहता हूं कि विधानसभा शांतिपूर्वक चले। इसके लिए स्पीकर से चर्चा करूंगा। जहां तक फ्लोर टेस्ट का सवाल है तो इस पर स्पीकर को निर्णय लेना है अब स्पीकर ( Speaker ) क्या निर्णय लेते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने मीडिया को बताया कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ( MP Congress Government ) को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि एमपी में फ्लोर टेस्ट पर संशय इसलिए है क्योंकि स्पीकर की ओर से विधानसभा के कार्यक्रम की जो लिस्ट जारी की गई है उसमें राज्यपाल के अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट का जिक्र नहीं किया गया है। जबकि राज्यपाल के आदेश के मुताबिक अभिभाषण के बाद विश्वासमत ( Confidence Motion ) पर वोटिंग होनी थी।
Coronavirus: सीपी अंजनी कुमार ने जारी की हिदायत- अफवाह फैलाने वालों को हो सकती है जेल बता दें कि मध्य प्रदेश में होली से एक दिन पहले सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इससे कमलनाथ की सरकार विधानसभा में अल्पमत में आ गई। राज्य के कद्दावर कांग्रेसी नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) के समर्थक 22 कांग्रेस विधायक अचानक भोपाल से कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु चले गए। इन 22 विधायकों में से 6 कमलनाथ सरकार में मंत्री भी थे।
इस सभी विधायकों ने अपने इस्तीफे स्पीकर एनपी प्रजापित को सौंप दिए हैं। स्पीकर ने 6 मंत्रियों का इस्तीफा तो स्वीकार कर लिया है लेकिन 16 विधायकों का इस्तीफा अभी उन्होंने स्वीकार नहीं किया है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने इन विधायकों को बंधक बनाकर रखा है। इस सियासी घटनाक्रम के बाद राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र में कमलनाथ सरकार को विश्वासमत हासिल करने को कहा है। राज्यपाल ने कहा है कि स्पीकर सदन में उनके अभिभाषण के तुरंत बाद विश्वास मत की प्रक्रिया पूरी कराएं।