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NPR: कॉलम ‘D’क्या है, विपक्ष के ऐतराज पर अमित शाह ने क्याें कहा- अब किसी से नहीं मांगे जाएंगे कागजात

नए सवालों को ऐच्छिक बनाने को लेकर केंद्र सरकार सहमत
नए सवालों का जवाब देना बाध्यकारी नहीं
2010 में एनपीआर के तहत लोगों से पूछे गए थे 15 सवाल

Mar 13, 2020 / 02:42 pm

Dhirendra

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नई दिल्ली। बुधवार और गुरुवार को दिल्ली हिंसा पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन एक्ट और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर पर भी लोगों की शंकाओं को दूर किया। विपक्षी पार्टी और कई अन्यों की ओर से सवाल किया गया कि एनपीआर की प्रक्रिया में कागजों की लिस्ट मांगी जाएगी और अगर कागज नहीं दिखाए गए तो उसे शंका की नजर से देखा जाएगा। लेकिन अमित शाह ने इन शंकाओं को दूर किया और समझाया कि किसी भी नागरिक के सामने ‘D’ नहीं लगाया जाएगा। आइए हम आपको बताते हैं NPR में ‘D’ क्या है और कब लगाया जाता है।
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बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में कैबिनेट ने नेशनल पापुलेशन रजिस्टर की सूची को अपडेट करने की मंजूरी दी थी। पहली बार एनपीआर को 2010 में लाया गया था। इसके अन्तर्गत नागरिकों का ब्यौरा जमा करना और लोगों की ताजा तस्वीर-उंगली के निशान लेने होते हैं। 2010 में इस प्रक्रिया में कुल 15 सवाल पूछे गए थे। लेकिन इस बार नए 8 सवाल नए जोड़े गए हैं। मोदी सरकार के इन सवालों पर कई राज्य सरकारों और विपक्षी पार्टियों ने आपत्ति जताई थी।
इस मुद्दे के खिलाफ कई बार विपक्षी पार्टियां कई बार सख्त ऐतराज जता चुकी हैं। विरोधी दलों के नेताओं का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति सरकार द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दे पाएगा तो उसे शंका की नजर से देखा जाएगा। ऐसे व्यक्ति के लिए ‘डाउटफुल’ या ‘D’ जैसी टर्म का इस्तेमाल किया जाएगा। गुरुवार को राज्यसभा में भी विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल समेत अन्य नेताओं ने इससे जुड़े सवाल अमित शाह से एनपीआर को लेकर सवाल पूछे थे, जिसके बाद केंद्र सरकार की ओर से इस पर सफाई दी गई।
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विराेधी दलाें के सवालाें का शाह ने दिया ये जवाब

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनपीआर की प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों के जवाब में कहा कि एनपीआर की प्रक्रिया के वक्त किसी भी नागरिक को शंका की नजर से नहीं देखा जाएगा। NPR के अंदर कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा। पहले भी नहीं मांगा गया था। आपको जितनी जानकारी देनी है आप उतनी ही जानकारी देने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर कोई जानकारी नहीं देता है तो उसके नाम के आगे ‘D’ नहीं लगेगा। इसलिए किसी को एनपीआर से डरने की जरूरत नहीं है।
NPR में लोगों से पूछे जाएंगे ये सवाल?

2010 में जब एनपीआर की प्रक्रिया हुई तो उसमें 15 सवाल लोगों से पूछे गए थे। इस बार भी ये सवाल पूछे जाएंगे। लेकिन 2020 में होने वाली NPR की प्रक्रिया में 8 नए सवाल जोड़े गए हैं। इन सवालों का जवाब कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार दे सकता है। लोगों को इन आठ सवालों का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
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2010 में पूछे गए 15 सवाल

1. व्यक्ति का नाम 2. मुखिया से संबंध 3. पिता का नाम 4. माता का नाम 5. पत्नी/पति का नाम 6. जेंडर 7. जन्मतिथि 8. वैवाहिक स्थिति 9. जन्म स्थान 10. घोषित राष्ट्रीयता 11. सामान्य निवास का वर्तमान पता 12. वर्तमान पते पर रहने की अवधि 13. स्थायी निवास का पता 14. व्यवसाय/कार्यकलाप 15. शैक्षणिक योग्यता।
2020 में जोड़े गए 8 नए सवाल

1. आधार नंबर 2. मोबाइल नंबर 3. माता-पिता का जन्मस्थान और जन्मतिथि 4. पिछला निवास पता 5. पासपोर्ट नंबर (अगर भारतीय हैं तो) 6. वोटर आईडी कार्ड नंबर 7. पैन नंबर 8. ड्राइविंग लाइसेंस नंबर।

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