नई दिल्ली। सुभाष चन्द्र बोस से जुड़ी फाइलों के सार्वजनिक होते ही उनकी विरासत को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक युद्ध का माहौल गरमा रहा है। कांग्रेस ने केन्द्र सरकार पर जानबूझ कर जवाहर लाल नेहरू की फर्जी चिट्ठी पर विवाद पैदा करने का आरोप लगाया है। वहीं, भाजपा ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक पुरुष नेताजी की विरासत और उनकी यादों के प्रति अपमान का भाव जाहिर करने के लिए कांग्रेस को मांफी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने गुस्सा जाहिर करते हुए उस चिट्ठी को नकली और शरारती बताया जिसमें नेहरू ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लेमेंट ऐटली को बताते हैं कि सुभाष चंद्र बोस एक युद्ध अपराधी हैं। शर्मा ने कहा कि ऐसा कांग्रेस पार्टी की छवि खराब करने के मकसद से किया गया है। उन्होंने कहा, लोगों को गुमराह करने और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दिग्गज सेनानी की महान उपलब्धियों को कमतर दिखाने के लिए यह जानबूझकर खड़ा किया गया विवाद है।
इधर, भाजपा ने कहा कि कांग्रेस कैसे अपने से अलग राय रखने वाले नेताओं की छवि खराब करती है, यह इसी का एक उदाहरण है। भाजपा प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा, कांग्रेस को यह सच्चाई (गांधी को छोड़कर दूसरे सभी नेताओं को नजरअंदाज करने की कांग्रेसी फितरत) स्वीकार करनी चाहिए और गलतियों का प्रायश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेताजी के प्रति अपमान के लिए कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए।
हालांकि, कथित तौर पर नेहरू द्वारा लिखे गए इस पत्र की कोई पुष्टि नहीं हुई है और इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भी इसे फर्जी बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि इस फर्जी डॉक्युमेंट का मामला यूं ही नहीं जाने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, अगर लोगों में हिम्मत है तो इस डॉक्युमेंट पर दावेदारी करे, लेकिन हम इसकी सत्यता की जांच कराएंगे। हम ना केवल इसका खुलासा करने बल्कि दोषियों को सजा दिलाने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के लिए नेताजी के महान राष्ट्रवादी नेता थे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और हम उनके योगदान का सम्मान करते हैं।
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