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मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें: 75 मिनट में माइनॉरिटी-महिला-गरीबी समेत हर मुद्दे पर खुलकर रखे विचार

NDA संसदीय दल की बैठक को पीएम मोदी ने किया संबोधन
मेरे जीवन में 2019 का चुनाव एक प्रकार की तीर्थयात्रा: मोदी
बीते 5 साल में हमने उस अपनी बातों को ओझल नहीं होने दिया: मोदी

May 25, 2019 / 09:09 pm

Chandra Prakash

Narendra Modi

मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें: 75 मिनट में माइनॉरिटी-महिला-गरीबी समेत हर मुद्दे पर खुलकर रखे विचार

नई दिल्ली। 17वीं लोकसभा के लिए बीजेपी समेत एनडीए के सभी दलों ने नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) को संसदीय दल का नेता चुना है। शनिवार को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एनडीए संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी को सभी दलों ने को समर्थन के लिए आभार जताया।

एक क्लिक में पढ़िए नरेंद्र मोदी के करीब 75 मिनट के भाषण की 10 बड़ी बातें।

संविधान को साक्षी मानकर हम संकल्प लें कि देश के सभी वर्गों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। पंथ-जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। हम सबको मिलकर 21वीं सदी में हिंदुस्तान को ऊंचाइयों पर ले जाना है। सबका साथ, सबका विकास और अब सबका विश्वास ये हमारा मंत्र है।

दुर्भाग्य से देश की माइनॉरिटी को उस छलावे में ऐसा भ्रमित और भयभीत रख गया है, उससे अच्छा होता कि माइनॉरिटी की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती। 2019 में आपसे अपेक्षा करने आया हूं कि हमें इस छल को भी छेदना है। हमें विश्वास जीतना है। देश पर इस गरीबी का जो टैग लगा है, उससे देश को मुक्त करना है। गरीबों के हक के लिए हमें जीना-जूझना है, अपना जीवन खपाना है। गरीबों के साथ जैसा छल हुआ, वैसा ही छल देश की माइनॉरिटी के साथ हुआ है।

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देश में गरीब एक राजनीतिक संवाद-विवाद का विषय रहा, एक फैशन का हिस्सा बन गया, भ्रमजाल में रहा। पांच साल के कार्यकाल में हम कह सकते हैं कि हमने गरीबों के साथ जो छल चल रहा था, उस छल में हमने छेद किया है और सीधे गरीब के पास पहुंचे हैं। 2014 में मैंने कहा था कि मेरी सरकार देश के दलितों, गरीबों, पीड़ितों, वंचितों, आदिवासियों को समर्पित है। आज फिर मैं कहना चाहता हूं कि 5 साल में हमने उस बात से अपने को ओझल नहीं होने दिया।

2014 से 2019 तक हमने गरीबों के लिए सरकार चलाई और आज मैं बड़े संतोष के साथ कह सकता हूं कि ये सरकार देश के गरीबों ने बनाई है। वीआईपी कल्चर से देश को बड़ी नफरत है। हम भी नागरिक हैं तो कतार में क्यों खड़े नहीं रह सकते। मैं चाहता हूं कि हमें जनता को ध्यान में रखकर खुद को बदलना चाहिए। लाल बत्ती हटाने से कोई आर्थिक फायदा नहीं हुए, जनता के बीच अच्छा मैसेज गया है।

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इस देश में बहुत ऐसे नरेंद्र मोदी पैदा हो गए हैं, जिन्होंने मंत्रिमंडल बना दिया है। जो भी जीतकर आए हैं, सब मेरे हैं। सरकार और कोई बनाने वाला नहीं है, जिसकी जिम्मेवारी है वही बनाने वाले हैं। अखबार के पन्नों से न मंत्री बनते हैं, न मंत्रिपद जाते है।

हम न हमारी हैसियत से जीतकर आते हैं, न कोई वर्ग हमें जिताता है, न मोदी हमें जिताता है। हमें सिर्फ देश की जनता जिताती है। हम जो कुछ भी हैं मोदी के कारण नहीं, जनता जनार्दन के कारण हैं। हम यहां अपनी योग्यता के कारण नहीं हैं, जनता जनार्दन के कारण है।

हमारा मोह हमें संकट में डालता है। इसलिए हमारे नए और पुराना साथी इन चीजों से बचें क्योंकि अब देश माफ नहीं करेगा। हमारी बहुत बड़ी जिम्मेदारियां है। हमें इन्हें निभाना है। वाणी से, बर्ताव से, आचार से, विचार से हमें अपने आपको बदलना होगा।

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इस बार माताओं-बहनों ने कमाल कर दिया है। भारत की आजादी के बाद पार्लियामेंट में इतनी बड़ी तादात में महिला सांसद बैठने की ये पहली घटना होगी। ये अपने आप में बहुत बड़ा काम हमारी मातृ शक्ति द्वारा हुआ है

मेरे जीवन के कई पड़ाव रहे, इसलिए मैं इन चीजों को भली-भांति समझता हूं, मैंने इतने चुनाव देखे, हार-जीत सब देखे, लेकिन मैं कह सकता हूं कि मेरे जीवन में 2019 का चुनाव एक प्रकार की तीर्थयात्रा थी। 2014 में भाजपा को जितने वोट मिले और 2019 में जो वोट मिले, उनमें जो वृद्धि हुई है, यह वृद्धि करीब-करीब 25 प्रतिशत है।

जनप्रतिनिधियों से मेरा आग्रह रहेगा है कि मानवीय संवेदनाओं के साथ अब हमारा कोई पराया नहीं रह सकता है। इसकी ताकत बहुत बड़ी होती है। दिलों को जीतने की कोशिश करेंगे। जनप्रतिनिधि के लिए कोई भेद भाव की सीमा रेखा नहीं होती। जो हमारे साथ थे, हम उनके लिए भी हैं, जो भविष्य में हमारे साथ होंगे हम उनके लिए भी हैं।

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