अगर कोई इसे पूर्वाग्रही मानसिकता के साथ ऐसा कह रहा है तो उन्हें इस देश की जमीनी हकीकत को देखना चाहिए और इसे स्वीकार करना चाहिए।
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नकवी ने यह भी कहा कि जो लोग ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं, वो भारतीय मुस्लिमों के दोस्त नहीं हो सकते। आपको बता दें कि नकवी ने यह ओआईसी के उस बयान के जवाब में कहा कि जिसमें उसने दो दिन पहले भारत में ‘इस्लामोफोबिया’ के कथित मामलों पर चिंता जताई थी।
दरअसल, ओआईसी ने कहा था कि भारत में मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए। इसके साथ देश में ‘इस्लामोफोबिया’ के मामलों को भी रोका जाए।
नकवी ने कहा कि भारत में कहीं कोई धार्मिक भेदभाव नहीं है। प्रधानमंत्री जब देश हित में बोलते हैं, तो वह 130 करोड़ लोगों के हितों की बात करते हैं।
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नकवी ने यह भी कहा कि अगर किसी को यह सब दिखाई नहीं देता तो उनकी समस्या है। “धर्मनिरपेक्षता और सद्भावना कोई पॉलिटिकल फैशन नहीं है, बल्कि यह भारतीयों के लिए तो ये परफेक्ट फैशन है।”
आपको बता दें कि ओआईसी की ओर से यह बयान उस दिन आया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से जंग में ‘एकता और भाईचारा’ को देश की ताकत बताया था।
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