मोदी कैबिनेट विस्तार को लेकर सुगबुगाहट इसलिए बढ़ी क्योंकि शुक्रवार को पीएम मोदी ने अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ मंत्रालयों की समीक्षा शुरू कर दी है। आमतौर पर मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार के पहले इस तरह की कवायद की जाती है।
पीएम आवास पर शनिवार को मुख्तार अब्बास नकवी, धर्मेंद्र प्रधान, हरदीप पुरी, महेंद्रनाथ पांडे, गजेंद्र सिंह शेखावत को उनके मंत्रालय में हुए काम के साथ बुलाया गया है।
मोदी सरकार में फिलहाल उनके अलावा 21 कैबिनेट और 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 29 राज्य मंत्री हैं यानी कुल 60 मंत्री हैं। जबकि संविधान के मुताबिक इनकी संख्या 79 तक हो सकती है। ऐसे में 19 मंत्रियों को शामिल करने का विकल्प पीएम मोदी के पास मौजूद है।
जिन सदस्यों को पीएम मोदी की कैबिनेट के भावी फेरबदल और विस्तार में जगह मिल सकती है, उनमें असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, बैजयंत पांडा के नामों की चर्चा हो रही है।
मोदी कैबिनेट में मौजूदा समय में सिर्फ रिपब्लिकन पार्टी के रामदास आठवले को ही मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस विस्तार में अन्य सहयोगी दलों को भी तरजीह दी जा सकती है।