प्रधानमंत्री के पैर छूने को भी तैयार
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जनता की भलाई के लिए और उनके अहम को शांत करने के लिए वह प्रधानमंत्री के पैर छूने को भी तैयार हैं। इस दौरान ममता बनर्जी ने केंद्र से पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय का दिल्ली ट्रांसफर रोकने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाया जाना चाहिए, जिससे देश के नौकरशाहों का अपमान होता है। ममता बनर्जी ने बैठक में देर से पहुंचने पर कहा कि जब हम बैठक में शामिल होने पहुंचे तो हमसे कहा गया कि बैठक चल रही है और प्रधानमंत्री भी कुछ देर पहले पहुंच चुके हैं। ममता बनर्जी ने आगे कहा कि जब उन्होंने बैठक में जाना चाहा तो उनको यह कहकर रोक दिया गया कि एक घंटे तक कोई भी भीतर नहीं जा सकता।
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सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वह काफी देर तक इंतजार करती रहीं, फिर बाद में उनको बताया गया कि बैठक कॉन्फ्रेंस हॉल में शिफ्ट हो गई है। जब वह मुख्य सचिव के साथ वहां पहुंची तो देखा कि प्रधानमंत्री राज्यपाल, केंद्रीय नेताओं और विपक्षी दल के विधायकों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने बैठक के आयोजन को लेकर राजनीतिक बदला लेने का भी आरोप लगाया। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों का खंडन किया। पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “किसी भी तरह के विवाद के लिए कोई जगह नहीं है। यह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच एक बैठक थी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें तूफान से हुए नुकसान का विवरण सौंपा। मामला समाप्त होता है।”