‘नेशन फर्स्ट’ कैसे बना टॉप एजेंडा बदलते सियासी समीकरण के बीच
लोकसभा चुनाव 2019 के संकल्प पत्र में ‘नेशनल फर्स्ट’ जोर देते हुए पार्टी के नेताओं ने साफ कर दिया है कि पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दे पर समझौता नहीं करेगी। आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पार्टी पहले की तरह अमल करती रहेगी। इस नीति के अन्तर्गत सुरक्षाबलों का सशक्तिकरण पर जोर दिया जाएगा। यानी पांच साल पहले जिस ‘नेशन फर्स्ट’ का नारा मोदी ने दिया था उसी को पार्टी इस बार दोहराती नजर आ रही है। अंतर केवल इतना है कि इस बार राष्ट्रीय सुरक्षा नीति केवल राष्ट्रीय सुरक्षा जुड़े मुद्दों से ही निर्देशित होंगी। इसके साथ ही भाजपा ने किसानों और युवाओं के मुद्दों पर भी जोर देने का संकेत दिया है।
पार्टी का बदल गया संकल्प पत्र का टाइटल भाजपा ने 2014 में अपने सकंल्प पत्र का टाइटल ‘एक भारत, सशक्त भारत’ रखा था। इस बार पार्टी ने टाइटल को बदल दिया है। इस बार पार्टी के संकल्प पत्र के टाइटल का नारा है ‘संकल्पित भारत, सशक्त भारत’। यह भाजपा की ओर से हाल ही में जारी स्लोगन ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के करीब है। यह इस बात का प्रतीक है कि भाजपा के वादों से आगे अपेक्षा को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहती है।
पांच साल पहले ये था टॉप एजेंडा पांच साल पहले भाजपा ने विदेशी बैंकों में जमा कालाधन वापस लाने, सभी के एकाउंट में 15 लाख रुपए डालने और भ्रष्टाचारमुक्त भारत पर सबसे ज्यादा जोर दिया था। 2014 में सबका साथ सबका विकास पर जोर देते हुए युवाओं को हर साल दो करोड़ रोजगार के अवसर मुहैया कराने का वादा पार्टी की ओर से किया गया था जो अभी तक पूरी नहीं हुई। इसके अलावा बुलेट ट्रेन शुरू करने, राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल बिछाने, अर्थव्यवस्था का तीव्र विकास, महिला सुरक्षा, राम मंदिर निर्माण, किसानों को लागत मूल्य से 50 फीसदी अधिक कीमत देने और हर गांव में पाइप से पानी पहुंचाने जैसे वादे भी भाजपा के एजेंडे में शामिल थे।
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